मछलीशहर, जौनपुर। सीरत कमेटी के सरपरस्त हाजी इमरान ने बताया कि मुकद्दस माहे रमजान महीने का दूसरा असरा बरकत वाला है। इस महीने में रोजेदारों पर अल्लाह ताला की बेशुमार रहमत बरसती है। सारे गुनाह माफ हो जाते हैं। इस महीने के तीसरे अशरे में अल्लाह ताला की इबादत करने से गुनाहों से आजादी मिलती है। तीसरा अशरा सोमवार से शुरू हो गया है। ईद का चांद दिखाई देने तक जारी रहेगा। माहे रमजान को 3 अशरों में बांटा गया है। दूसरा अशरा सोमवार को मुकम्मल हो गया है। सोमवार को ही मगरिब के बाद तीसरा अशरा शुरू हो गया है। इसी के साथ मस्जिदों में एतेकाफ में बैठने का सिलसिला शुरू हो गया। सभी मस्जिदों में लोग एतेकाफ में बैठ रहे हैं जो बीसवें रोजे के मगरिब से शुरू होकर चांद रात तक चलता है। मस्जिद में रहकर अल्लाह की इबादत करने को एतेकाफ कहा जाता है। उन्होंने बताया कि तीसरे अशरे की ताक राते शबे कद्र होती है। अल्लाह ताला फरमाते हैं कि एतेकाफ में बैठने वाले मोमिन बंदे की इबादत का शवाब हजार महीने की इबादत से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हदीस शरीफ में है कि जिस बस्ती की मस्जिद में कोई एक शख्स एतेकाफ में बैठकर अल्लाह ताला की इबादत करें तो उस बस्ती के लोगों के गुनाहों को भी माफ कर दिया जाता है। पूरी बस्ती में अल्लाह ताला की रहमत बरसती है।
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