हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर पूविवि में वेबिनार का हुआ आयोजन

सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस पर रविवार को हिंदी पत्रकारिताः कोविड काल और जनसरोकार विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के मुख्य अतिथि  वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता पहले भी मिशन थी, आज भी है और सदैव रहेगी। ईमानदारी से पत्रकारिता करने वालों पर सबसे अधिक सवाल उठाये जाते हैं। इससे विचलित होने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में जनता तक खबरें पहुँचाने के लिए पत्रकार प्रथम पंक्ति में खड़े रहे हैं। तीसरी लहर के लिए पत्रकारों को और अधिक तैयार रहने की जरुरत है। मुख्य वक्ता वरिष्ठ संपादक प्रतीक त्रिवेदी ने कहा कि कोविड काल के बाद जब नया सवेरा आएगा तो दुनिया बदली-बदली होगी। उन्होंने कहा कि समाचारों की दुनिया में पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल जो मीडिया के हासिए पर थे, उनकी उपयोगिता कोविड काल में समझ में आई। हमें और सरकार द्वारा इसको और मूल्यांकित किये जाने की जरूरत है, ताकि यह अच्छी तरह से सुदृढ़ हो सके। अध्यक्षीय उदबोधन में पूविवि की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने सभी को हिंदी पत्रकारिता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने सदैव समाज को जोड़ने का काम किया है। उन्होंने हिंदी पत्र के प्रथम सम्पादक युगल किशोर शुक्ल के संघर्षों की चर्चा करते उनको नमन किया। साथ ही कहा कि कोविड काल में पत्रकारों ने जनचेतना में अपनी अहम् भूमिका निभाई है, उनके बिना कोरोना से नहीं लड़ा जा सकता। कार्यक्रम का संचालन वेबिनार संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डा. मनोज मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डा. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। कार्यक्रम के सह संयोजक डा. सुनील कुमार एवं शिफाली आहूजा ने तकनीकी सहयोग किया। इस अवसर पर प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. एचसी पुरोहित, प्रो. वंदना राय, प्रो. देवराज सिंह, डा. कायनात काजी, डा. आलोक सिंह, डा. आशिमा सिंह, डा. उमेश पाठक, डा. सतीश जैसल, डा. अखिलेश चन्द्र, डा. गीता सिंह, डा. राजकुमार, डा. प्रदीप कुमार, डा. रसिकेश, डा. अमरेन्द्र सिंह, डा. धर्मेन्द्र सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. चन्दन सिंह, डा. वंदना समेत देश के विभिन्न प्रदेशों से पत्रकार, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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