सन्त निरन्कारी मण्डल के महासचिव ब्रिगेडियर चीमा ब्रह्मलीन

जौनपुर। सन्त निरंकारी मण्डल के महासचिव तथा मिशन के समर्पित भक्त पूज्य ब्रिगेडियर (से.नि.) पी.एस. चीमा दिल्ली में अपनी इस नश्वर शरीर का त्याग कर निराकार प्रभु में विलीन हो गये। उनकी उम्र 72 साल थी। मालूम हो कि चीमा जी का जन्म 14 मार्च 1949 को आध्यात्मिकता के रंग में रंगे परिवार में हुआ। बचपन से ही आपको भक्ति भाव से परिपूर्ण वातावरण मिला। 1956 में केवल 7 साल की आयु में ही आपको सद्गुरु बाबा अवतार सिंह के समय ब्रह्म ज्ञान प्राप्त हुआ। आगे जाकर भारतीय स्थल सेना में आपने एक काबिल आर्मी अफसर के रूप में अपना किरदार निभाया। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे अब्दुल कलाम द्वारा आपको डीआरडीओ टेक्नोलॉजी एवार्ड प्रदान किया गया है। वर्ष 2006 में सतगुरु बाबा हरदेव सिंह ने चीमा जी को संत निरंकारी मण्डल की वर्किंग कमेटी के सदस्य के रूप में मनोनीत किया जबकि अप्रैल 2007 में आपको मण्डल की कार्यकारिणी समिति में शामिल करते हुए समाज कल्याण, स्वास्थ्य एवं मेडिकल विभाग की जिम्मेदारिया सौंपी गई। मई 2007 में आपको ज्ञान प्रचारक के रूप में सेवाएं प्रदान की गईं। 2010 में बनाए गए सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के आप संस्थापक सदस्य थे। वर्तमान सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आपको वर्ष 2018 से मंडल के महासचिव के रूप में सेवाएं प्रदान की थी जिसमें स्वास्थ्य, आईटी, सुरक्षा स्टूडियो और दूरसंचार विभाग का कार्यभार संभाला था। इस आशय की जानकारी उदय नारायण जायसवाल मीडिया सहायक ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।

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