कोरोना संकट की सबसे बड़ी चुनौती जान के साथ रोजगार बचाना भीः रम्भ प्रताप

जौनपुर। कोरोना संकट की सबसे बड़ी चुनौती नागरिकों की जान बचाने के साथ ही उनके रोजगार व काम-धंधों को बचाने की भी है। लोकतंत्र में यह जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार की ही होती है कि वे प्रत्येक नागरिक के जीवन जीने के मूलभूत अधिकार की रक्षा करें और व्यापारिक वाणिज्य व औद्योगिक गतिविधियों के विकास व उत्थान के लिए ऐसी नीतियां बनाएं। इनमें लगे लोगों की आजीविका सुरक्षित रहे। उक्त बातें रम्भ प्रताप सिंह पूर्व प्रदेश महासचिव अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते आज प्रकार विभिन्न राज्यों में लॉक डाउन किया जा रहा है। उसे देखते हुए देश की कारोबारी स्थिति भी संकट में होती जा रही है। इसे मजबूत बनाएं रखने के लिए ऐसे कदम उठाने जरूरी होंगे जिससे सभी प्रकार के व्यवसाय में लगे। लोगों को अपनी आजीविका के सुरक्षित रहने के आभास हो सके। सबसे पहले हमें देश के लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों में लगे लोगों को आर्थिक सुरक्षा का माहौल देना होगा। पिछली बार की तरह इस साल भी कोरोना पैकेज घोषित करना होगा जिससे लॉक डाउन के दौरान हुए इनके नुकसान का मुआवजा मिल सके। इनमें नौकरी कर रहे करोड़ों लोगों की नौकरी पर कोई आंच न आ पाये। उन्होंने कहा कि बेशक इस पैकेज में शुल्क छूट से वित्तीय मदद के प्रावधान हो सकते हैं। इस बार हमें अधिक सावधानी के साथ यह काम करना होगा, अन्यथा लॉक डाउन के बाद हमें रोजगार और काम धंधो के लिए भारी परेशानी का सामना करना होगा और बेरोजगार भयंकर रूप धारण कर लेगी जिस पर अभी से गंभीर रूप से सचेत होने की जरूरत है।

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