बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के शव को बिहार लाने की उम्मीद खत्म,दिल्ली में होंगे सुपुर्द-ए ख़ाक


बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के शव को बिहार लाने की उम्मीद खत्म,दिल्ली में होंगे सुपुर्द-ए ख़ाक

नई दिल्ली । सीवान के पूर्व बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के शव को बिहार लाने की सारे उम्मीदें खत्म हो गई हैं। शहाबुद्दीन के शव को सीवान लाने के लिए परिजनों की मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब उनके शव को दिल्ली के मंगोलपुरी स्थित कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। वहीं दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में शाहबुद्दीन के शव का पोस्टमार्टम किया गया। 

वहीं दूसरी ओर राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. तनवीर हसन एवं प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने पूर्व सांसद और राजद नेता शहाबुद्दीन के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। राजद नेताओं ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा शहाबुद्दीन के इलाज के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई गई। उन्होंने कहा कि 21 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भी सामान्य स्तर की चिकित्सा उपलब्ध करायी गयी। स्थिति बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जबकि तीन दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके बेहतर इलाज करवाने और इस दौरान परिवार वालों से मिलवाने का निर्देश जेल प्रशासन को दिया गया था।

बता दें कि बिहार के सीवान के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन का शनिवार की सुबह कोरोना से निधन हो गया था। इसकी पुष्टि कई घंटों के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने की थी। गौरतलब है कि तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे शहाबुद्दीन को कोरोना संक्रमण के बाद  दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना से संक्रमित होने के बाद मोहम्मद शहाबुद्दीन को चिकित्सीय निगरानी और समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था।  

पिछले साल सितंबर में पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह (90 वर्ष) का निधन हो गया था। उस वक्त तिहाड़ से शहाबुद्दीन को पैरोल पर लाने की मंजूरी नहीं मिली थी। हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं। 15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था।  

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