यहां प्रधानी से कम नहीं है ग्राम पंचायत सदस्यीय का रूतबा

जौनपुर। अमूमन लोग ग्राम पंचायत सदस्य पद की महत्ता को नहीं समझते हैं। यदि यही धारणा आपकी भी है तो यह खबर आपसे ही जुड़ी है। आइये हम आपको ले चलते हैं जौनपुर जनपद के करंजाकला ब्लाक के ढेरापुर गांव में। बता दें कि गांव यादव बाहुल्य है जिसमें 60 फीसद से ज्यादा यादव हैं बाकी 40 में दो ब्राह्मण, नोना, हरिजन, गौंड़ हैं। इस गांव में वैसे तो 15 वार्ड हैं लेकिन वार्ड नम्बर 11 का अपना एक अलग ही अस्तित्व है। सभी वार्ड में निर्विरोध सदस्य हो सकते हैं लेकिन इस वार्ड में नामुमकिन है। कारण, ब्राह्मण बिरादरी का घर इसी वार्ड में है, गांव के कुछ लोगों को यह नागवार गुजरता है कि ब्राह्मण परिवार से कोई सदस्य कैसे बन सकता है, लेकिन ऐसा कहाँ सम्भव है। कहते हैं न कि जनता जिसके साथ वही नेता। यही कारण है कि पिछले 20 साल से इस वार्ड में घमासान लड़ाई होती है। बकायदा प्रचार प्रसार होता है, जिस तरह से प्रधानी का चुनावी दंगल होता है, उसी तर्ज पर इस वार्ड में सदस्यीय पद के लिए दो गुट जोर आजमाइश करता है। प्रधानी से कहीं ज्यादा इस वार्ड के चुनाव की चर्चा होती है। जबरदस्त प्रचार प्रसार, गुटबाजी, जातिवाद तक का सहारा लिया जाता है। बैनर, पोस्टर, पम्पलेट तक बनवाये जाते हैं। अंततः 20 साल से ब्राह्मण परिवार से संजय मिश्रा ही चुनाव में जीतते आ रहे हैं। इस बार के चुनाव में भी इन्होंने पांचवी बार चुनावी जंग जीतकर यह साबित कर दिया है कि जाति पाती से ऊपर उठकर लोगों ने मतदान किया है।
हर बार आता है नया चेहरा
खास बात यह है कि इस वार्ड में दूसरे गुट के हारने वाले प्रत्याशी दुबारा चुनाव मैदान से बाहर हो जाते हैं। फिर अगली बार नामांकन के पहले कुछ लोग मिटिंग करते हैं फिर तय होता है कि इस बार फला व्यक्ति को लड़ाया जाए लेकिन हर बार चुनाव हार जाते हैं। अंततः फिर से यह पद ब्राह्मण परिवार के खेमे में चला जाता है।
नवनिर्वाचित सदस्य संजय मिश्रा कहते हैं कि लगतार पांचवीं बार वार्ड के लोगों ने मेरा साथ दिया। चुनाव में मुझसे ज्यादा प्रचार मेरे अपने लोग (वोटर) करते हैं। यानी चुनाव हम नहीं वो लोग खुद लड़ते हैं। मेरा प्रयास होता है कि निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति की हरसंभव मदद कर सकें। सभी के सुख दुःख में हमेशा खड़ा रहता हूँ। सरकारी योजनाओं को पात्र तक पंहुचाना मेरी प्राथमिकता होती है। मुझे राजनीति का कोई शौक नहीं है लेकिन हमारे लोग चुनाव लड़ने के लिए कहते हैं, कारण, उन्हें हमसे बहुत अपेक्षा होती है, जिसे मैं पूरा करने का शत प्रतिशत प्रयास करता हूं।

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