उर्दू सहाफ़त का सूरज हुआ ग़ुरूब , वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद अली की मौत से चाहने वाले ग़मज़दा

उर्दू सहाफ़त का सूरज हुआ ग़ुरूब , वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद अली की मौत से चाहने वाले ग़मज़दा
जौनपुर । उर्दू सहाफत का सूरज हुआ ग़ुरूब ,
सैयद मोहम्मद अली साहब की विलादत बाजिदपुर अम्बेदकरनगर के एक तालीमयाफ्ता घराने में हुई थी।इब्तेदाई तालीम के बाद शिबली पी जी कालेज आज़मगढ़ और इलाहाबाद से तालीम मुकम्मल होने के बाद इन्होंने 1992 में पत्रकारिता शुरू की अज़ायम अखबार के बाद जदीद मरकज़ और बाद में बतौर सहाफी रोजनामा उर्दू सहारा लखनऊ में तक़र्रूर हुए।उर्दू अदब और सहाफत में इन्होंने अपने क़लम से  इसे उरूज पर पंहुचाया।दिसम्बर में एडीटर के रिटायर होने के बाद आप जनवरी से इस जिम्मेदारी को अंजाम दे रहे थे कि अचानक रमज़ान के शुरू में ही कोरोना जैसी बीमारी की चपेट में आ गये और एक महीने की जिंदगी और मौत की जद्दो जहद के बाद मौत ने इनको अपने आग़ोश में ले लिया।इनके इंतेक़ाल की खबर मिलते ही दानिशवरों और सहाफियों में गम की लहर दौड़ गई।सहाफी जनाब शकील रिज़वी साहब मुसलसल इनकी मदद में पेश पेश रहे।इनके इंतेक़ाल पुरमलाल पर मौलाना सैयद सफदर हुसैन ज़ैदी जौनपुर मौलाना सैयद हैदर अब्बास साहब लखनऊ सहाफी वसी असगर, ताहिर रिज़वी,जावेद ज़ैदी, सैयद रज़ा अब्बास (अबूज़र)जावेद ज़ैदी,सीमाब नक़वी,तालिब ज़ैदी, अरशद रिज़वी,शबाब ज़ैदी,मोहसिन सरकार ने ताज़ियत पेश की है।

Post a Comment

0 Comments