22 बार रक्तदान कर जौनपुर के प्रथम रक्तदाता बने अतुल

जनपद जौनपुर के रक्तदाताओं में एक सर्वे के मुताबिक अतुल सिंह अब तक के सबसे अधिक बार रक्तदान करने वाले पहले युवा रक्तदाता बने है। गौरतलब हो कि कोरोनकाल के शुरुआती दौर से देवदूत वानर सेना नामक गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन बनाकर अतुल ने अपने टीम के साथ जरुरतमन्दो की खून, प्लाज्मा से लेकर अन्य जरूरतों में बड़ी ही मुस्तैदी से मदद की थी और यह अतुल के लिए कोई नया काम नही है उनके अनुसार जब से छात्र राजनीति में उन्होंने कदम रखा तब से लेकर अब तक कुल 22 बार रक्तदान उन्होंने स्वयं किया है और जरूरत पड़ने पर मित्र व टीम के अन्य लोगो से भी लगातार रक्तदान कराते रहे है। जनपद जौनपुर से लगायत पूर्वांचल के अन्य जनपदों में भी अतुल के समकक्ष शायद ही एकाक रक्तदाता हो। उन्होंने 22वीं बार रक्तदान विगत 20 मार्च को किया था। सबसे अधिक बार रक्तदान कर जनपद के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त करने वाले रक्तवीर अतुल सिंह का कहना है कि हमने अपनी पूरी ज़िन्दगी समाजसेवा के तहत लोगो की खिदमत की फक्र में न्योछावर कर दिया है यू तो कभी किसी को आज तक हमने किसी तरह का कोई गम न कोई तकलीफ पहुँचाया होगा ना ही किसी से नाईतफाकी की होगी पर जब से फिकरे ज़िन्दगी संभाला है तब से लेकर आज तक लगातार लोगो की खिदमत करने की रवादारी हासिल की जिससे हर गरीब, बेवा, यतीम, मिस्कीन, मजलूम, किसान, नौजवान,की दुखती रगो पर हाथ रखने का हर वक़्त हर पल बइदुलकयास मौका तलाशता रहता हू। आज जनपद के जिला चिकित्सालय में विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान कर हम ने इस दफा 22वीं बार लहू बा ख़ैर किया हैं। किसी भी ज़रूरतमन्द हज़रात को अगर खून की खास ज़रूरत हो तों वो हमसे राब्ता कायम कर सकता है। लहू आबेहयात है और लहू की कीमत तो कोई आक ही नही सकता है हिन्दू भाई हो या अकलियत के मूस्लिम भाई हो सब के लिए लोग एक है खून तो आखिर खून है।
 हम जैसे युवा समाजसेवियों को देश की अखंडता व देश की अस्मिता के मद्देनजर हिन्दू मूस्लिम एकता का सबक सीखना चाहिए। और हमारी सियासत समसान कब्रिस्तान पर न होकर सिर्फ और सिर्फ इंसान की मदद के लिए होनी चाहिए। 
जिस किसी भी आशुफता हाल जरूरतमंद को खून की आवश्यकता हो वो मुझसे संपर्क करके कभी भी कही भी निःशुल्क निस्वार्थ लहू प्राप्त कर सकता है!

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