इमाम खुमैनी की मनाई गई 32वीं बरसी

जौनपुर। इमाम खुमैनी की 32वीं बरसी के मौके पर शेख नूरुल हसन मेमोरियल सोसायटी कार्यालय में इमाम खुमैनी (र.अ.) को खिराजे अकीदत पेश की गई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैय्यद असलम नकवी ने कहा कि इमाम खुमैनी द्वारा ईरान में लाई गई क्रांति समरसता पर आधारित थी। इस इस्लामी इंकलाब ने कमजोरों को बराबरी से जीने का हक दिलाया। शेख नूरुल हसन मेमोरियल ट्रस्ट के प्रबंध सचिव एवं शिया जामा मस्जिद के मुतवल्ली शेख अली मंजर डेजी ने कहा कि इमाम खुमैनी जैसी शख्सियत सदियों में पैदा होती है। उनके बताये रास्ते पर चलकर हम सब इस्लाम की सच्चाई को दुनिया के सामने सही तरीके से पेश कर सकते हैं। उपस्थितजनों ने आयतुल्लाह उल उज्मा सैय्यद रुहूल्लाह मुसवी खुमैनी के इसाले सवाब के लिये फातेहा खानी की। इस मौके पर हसीन अहमद, मोहम्मद नासिर रजा गुड्डू, दानिश अलमदार हिन्दी, अली औन, आसिफ आब्दी आदि मौजूद रहे। इसी क्रम में हुसैनी फोरम इंडिया के अध्यक्ष हाजी सैय्यद मोहम्मद हसन ने इमाम खुमैनी की बरसी के मौके पर कहा कि आज जब इस्लाम दुश्मन ताकतें इस्लाम के खिलाफ तरह-तरह की साजिशें रच रही हैं। ऐसे में इमाम खुमैनी के इस्लामी इंकलाब का महत्व मुसलमानों को समझ में आ रहा है।

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