पांच साल तक प्रदेश अध्यक्ष बनने का इतिहास रचा हैदर अब्बास ने

पांच साल तक प्रदेश अध्यक्ष बनने का इतिहास रचा हैदर अब्बास ने
2016 में बने थे भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष
केशव प्रसाद, महेंद्रनाथ पांडेय व स्वतंत्रदेव सिंह के साथ किया काम
प्रदेश में अल्पसंख्यक समाज को जोड़ने में निभाई अहम भूमिका
जौनपुर। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के इतिहास में लगातार तीन प्रदेश अध्यक्षों के साथ काम करने वाले पहले प्रदेश अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद का पंाच साल का कार्यकाल एक नया इतिहास रचने में कामयाब रहा है। वाराणसी जिले के सिगरा थाना क्षेत्र के लल्लापुरा निवासी हैदर अब्बास चांद ने 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया था। तबसे वे लगातार भाजपा का झंडा एजेंटा व अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने में जुटे रहे। यही वजह थी कि उन्हें 2016 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसा मौर्या ने अल्पसंख्य मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इसका नतीजा यह निकला कि हैदर अब्बास के नेतृत्व में गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक, गोरखपुर से लेकर विंधयांचल तक प्रदेश के प्रदेश के सभी जिलों में मोर्चा व पदाधिकारी सक्रिय होता दिखा और लोग बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समाज सपा की अखिलेश सरकार की नीतियों से असंतुष्ट होकर पार्टी से जुड़ा और 2017 में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। इसमें सहारनपुर के देवबंद इलाके का बहुत बड़ा योगदान रहा जहां चांद के नेतृत्व में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज भाजपा से जुटा। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इसका इनाम तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डा.महेंद्रनाथ पांडेय ने अपनी टीम में हैदर अब्बास चांद को पुन: 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए नियुक्त कि या। फिर क्या था चांद अपने मिशन में जुट गये और एक बार फिर केंद्र में मोदी की सरकार बनाने में जुट गये जिसका इनाम एक बार पुन: 2020 में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दिया और अब पुन: अपनी टीम में बनाये रखा। हैदर अब्बास चांद ने खास बातचीत में बताया कि वे एक पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और पार्टी जहां भी उन्हें लगाती है वे निष्ठावान कार्यकर्ता की तरह जुट जाते हैं। हाल के दिनों में नये प्रदेश अध्यक्ष कुंवर वासित अली को नियुक्त किया गया तो हैदर अब्बास चांद पार्टी की अगली जिम्मेदारी के लिए निकल पड़े। उनका कहना है कि पार्टी ने उन्हें जो मान सम्मान व प्रतिष्ठा दी है वे उसे कभी भुला नहीं पायेगें। 2022 के विधानसभा चुनाव में वे एकबार पुन: भाजपा की सरकार बनाने के लिए जुटे हुए हैं। सूत्रों की माने तो पार्टी के आलाकमान हैदर अब्बास चांद की निष्ठा को देखते हुए बड़ी जिम्मेदारी देते हुए दिखाई पड़े तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

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