बुवाई से पहले मिट्टी की जांच व बीज शोधन जरूरीः डा. राकेश

केराकत, जौनपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र अमिहित और इफको के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को विकास खण्ड क्षेत्र के थानागद्दी गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वैज्ञानिकों ने किसानों को कम लागत में अधिक और स्वास्थ्यवर्धक उपज लेने का गुर बताया। इस मौके पर मृदा परीक्षण के लिये खेत में जाकर मिट्टी नमूना लेने का तरीका भी बताया गया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक डा. राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बुवाई से पहले मिट्टी की जांच और बीज शोधन को जरूरी बताया। इस अवसर पर उन्होंने तरल नैनो यूरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा कि आधा लीटर का नैनो यूरिया एक बोरी यूरिया के बराबर है। यह किसानों के लिये वरदान है। इसके प्रयोग से मिट्टी को कोई नुकसान नहीं होता है तथा फसलों को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलता है। इससे जल और वायु प्रदूषण भी नहीं होता है। उन्होंने उसके उपयोग का तरीका और लागत की भी जानकारी दी। अमिहित स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. नरेन्द्र सिंह रघुवंशी ने खेती के लिये सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डा. दिनेश सोनकर ने मृदा परीक्षण के लिये नमूना लेने की विधि पर प्रकाश डाला। एरिया मैनेजर डा. डीके सिंह ने जैव उर्वरक व उसके स्वास्थ्य से संबंध विषय पर जानकारी साझा की। इस मौके पर मत्स्य अधिकारी राजीव गुप्ता, प्रगतिशील किसान इंद्रसेन सिंह, जयप्रकाश सिंह, माधवानंद शुक्ला, संजय मिश्रा, मनोज सिंह, राजकुमार मौर्या, लौटन मौर्या आदि मौजूद रहे।

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