संकट के इस दौर मे डॉ मो सलीम की सेवाओ की हो रही तारीफ

संकट के इस दौर मे डॉ मो सलीम की सेवाओ की हो रही तारीफ
कोरोना काल मे दिन हो या रात 24 घण्टे लोगो की सेवा मे रहे लगे
कोरोना काल मे स्थानीय लोग उन्हे कलयुग के भगवान की संज्ञा से रहे है नवाज
अज़मी रिज़वी
जैदपुर बाराबंकी। इस समय इक्कीसवी सदी का यह सबसे चुनौती भरा दौर है।लॉकडाउन मे सभी घरो मे ही रहे।वही जहां इस दौरान जहां मोटी फीस लेने वाले शहरो के तमाम डाक्टर अपने घरो मे ही कैद होकर रह गये।वही ग्रामीण इलाको मे कुछ ऐसे भी डॉक्टर भी रहे जो जान की बाज़ी लगाकर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने तथा बचाव के काम मे जुटे हुए थे।यस डाक्टर विषम परिस्थितियो मे काम कर रहे है।अस्पतालो मे संसाधनो की कमी और मरीज़ो की भरमार है।इन सबको देखते हुए यह ग्रामीण क्षेत्रो के डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर योद्धा की तरह जुटे है।जैदपुर कस्बे के चिकित्सक मो सलीम कहते है कि आमजन की स्वास्थ्य की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है।चिंता इस बात की भी है कि लोग इस वैश्विक महामारी की गंभीरता को नही समझ रहे है।संकट के इस दौर जहाँ लोगो को ईलाज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा था।वही यह डॉ मोहम्मद सलीम खुद क्लिनिक की कमान संभाल डाक्टर के तौर पर नही बल्कि एक जनसेवक के रूप मे कार्य कर रहे है।जैदपुर कस्बे के मेहंदी कटरा स्थिति एक निज़ी साएम क्लिनिक के संचालक मोहम्मद सलीम की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है।संकट के इस दौर मे डॉ. अपने साएम क्लिनिक मे चाहे दिन हो या रात 24 घण्टे निरतंर लोगो की सेवा में लगे है।खुद मरीज़ो को देख रहे निरन्तर मरीज़ो पर नज़र बनाए हुए है।यही नही जागरूक करने का कार्य भी डॉ सलीम द्वारा अच्छे से किया जा रहा है।जिसका कोई सहारा नही उसके सहारा बने ख़ुद डॉ साहब ईलाज कर रहे है।विदित हो कि वैश्विक महामारी के भीषण दौर मे क्षेत्रीय छोटे बड़े चिकित्सक बुखार, जुखाम से पीडित मरीजो को हाथ लगाना मुनासिब नही समझते थे।वही किसी भी पीडित के साएम क्लीनिक पर आ जाने के बाद डा मोहम्मद सलीम पूरे लगन और अथक परिश्रम से उसका इलाज करते रहे है।कोरोना काल मे स्थानीय लोग उन्हे कलयुग के भगवान की संज्ञा से नवाजते रहे है।मालूम हो कि कोरोना वायरस की महामारी के दौर मे सरकारी और प्राईवेट चिकित्सक जुखाम बुखार से पीडित मरीजो के आ जाने पर उन्हे दूर से ही सलाह और दवाये लिखकर लौटा देते है।क्षेत्र के सरकारी अस्पतालो मे चिकित्सक और उनके स्टाफ की उपस्थिती पर ही सवाल उठते रहे है।ऐसी स्थिती मे साएम क्लीनिक के डा मोहम्मद सलीम निरन्तर मरीजो की सेवा मे लगे रहे।इनकी सेवा भावना क्षेत्र मे किसी से छिपी नही है।क्षेत्र और जिले के तमाम चिकित्सको और उनके स्टाफ के पाजिटिब हो जाने के बाद बढ़ चुके खौफ के दौर मे निगेटिब डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी अपने अपने कार्य से मुख मोडे हुए देखे जा रहे थे।उस दौर मे भी यह अपने क्लीनिक पर मौजूद रहकर मरीजो का इलाज करते रहे।मीठी वाणी मरीज के कानो मे पडते ही यह एहसास करा देती थी कि मुझे लाभ जरुर होगा।
बोले डाक्टर मोहम्मद सलीम
चिकित्सको की पहचान उनकी सेवा,समर्पण और त्याग से होती है।तमाम विपरीत परिस्थितियो मे भी चिकित्सक अपने मरीज़ो की सेवा के प्रति समर्पित होकर काम करते है।आज का यह दौर सेवा और समर्पण का है।आम लोगो को भी सरकार व चिकित्सको की सलाह का पूरी तरह अनुपालन करना चाहिए।अपने पूरे सेवा काल में ऐसी आपदा का सामना हमने नही किया।यह पहला मौका है जब इतनी गंभीर परिस्थितियां उत्पन्न हुई है।इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती चिकित्सको के लिए है।जिसका वह पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ सामना कर रहे है।आम लोगो को भी घरो मे रहना चाहिए।सरकारी दिशा निर्देशो का पालन ही इस बीमारी से निजात का एक मात्र उपाय है। 

Post a Comment

0 Comments