विज्ञान में शोध के लिये निवेश बढ़ाने की जरूरतः प्रो. श्रीवास्तव

पांच दिवसीय राष्ट्रीय ई-कार्यशाला का हुआ समापन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रसायन विज्ञान विभाग, रज्जू भइया संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के पांचवें दिन विशेषज्ञों द्वारा रसायन विज्ञान में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण आधारित स्पेक्ट्रोस्कोपी के सिद्धांत, कार्य प्रणाली व अनुप्रयोग तथा नैनो मटेरियल आधारित बायोसेंसेर पर चर्चा की गयी। तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर के डा. मृगेन्द्र दूबे ने यूवी-विसिबल स्पेक्ट्रोस्कोपी तथा इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीकी के बारे में चर्चा की। डा. पांडेय ने बताया कि ये दोनों तकनीकी नये बनने वाले विभिन्न प्रकार के पदार्थों व रसायनों के पहचान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस तकनीक से विभिन्न रासायनों में विभेद करने में करने में मदद मिलती है। तकनीकी सत्र के दूसरे वक्ता रसायन विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के डा. जय सिंह ने नैनोमटेरियल आधारित कोलेस्ट्रॉल बायोसेंसेर के संश्लेषण, पहचान व अनुप्रयोग के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोलस्ट्रॉल एक प्रकार का लिपिड है जो जल में अविलेय होता है। मानव शरीर में एक सीमा से अधिक कोलेस्ट्रॉल कई तरह के रोग का कारण होता है। बायोसेंसेर उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर की पहचान बहुत कम समय मे करने में मदद करते है जिससे रोग के निदान करने में सहायता मिलती है। समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन, विज्ञान संकाय प्रो. शेखर श्रीवास्तव ने कहा कि आधुनिक विज्ञान में उपकरणीय तकनीकी की बहुत आवश्यकता है। विभिन्न अनुदान संस्थाओं एवं सरकार को इस दिशा में निवेश बढ़ाने की जरूरत है जिससे विश्वविद्यालय स्तर पर केंद्रीयकृत उपकरणीय सुविधा का विकास किया जा सके। पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने सफलतापूर्वक आयोजन के लिए शुभकामना व बधाई संदेश भेजा। समापन सत्र की अध्यक्षता रज्जू भइया संस्थान के निदेशक प्रो. देवराज सिंह ने किया। संचालन नैनो साइंस सेंटर के डा. काजल डे ने किया। कार्यशाला के संयोजक डा. नितेश जायसवाल ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मानस पांडेय, रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. प्रमोद कुमार, डा. प्रमोद यादव, डा. मिथिलेश यादव, डा. दिनेश आदि उपस्थित रहे।

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