शिक्षकों के हक की खातिर जारी रहेगा मेरा आंदोलन, डॉ अरुण सिंह

हाई कोर्ट लखनऊ बेंच के फैसले का सम्मान करें बेसिक शिक्षा विभाग,
जौनपुर। उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की पुरानी पेंशन कटौती ना होने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
इस संबंध में संगठन के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने गुरुवार को  प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 8 अप्रैल 2009 को एक आदेश जारी करके प्रदेश भर के सभी शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का उनका पीएफ कटना रोक दिया गया है। उसके बाद सभी शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बिना उनकी सहमत लिए ही उन्हें न्यू पेंशन स्कीम में डाल दिया गया। इससे प्रदेश भर के शिक्षकों में खासा आक्रोश बढ़ गया था। सरकार का यह कार्य शिक्षकों के विरोध में था। जबिक शिक्षकों की नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 के पूर्व में थी। उन लोगों ने अपनी मांगों के समर्थन में दर्जनों बार जिला और मंडल मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके सरकार के समक्ष तकनीक खामियों को मुख्य रूप से उठाया।
 इतना ही नहीं शिक्षक हितों  की मांगों को लेकर मेरी अगुवाई में संगठन के लोगों का  विशाल प्रदर्शन प्रदेश अध्यक्ष के साथ राज्य मुख्यालय लखनऊ में भी हुआ।
 बावजूद इसके सरकार ने हम शिक्षकों कर्मचारियों की मांगों को ध्यान नहीं दिया। और सरकार ने अपने शासनादेश को वापस भी नहीं लिया । इससे लाचार होकर प्रदेश भर के शिक्षकों ने हाई कोर्ट लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल की । जिसकी सुनवाई करते हुए आखिरकार  न्यायालय की एकल पीठ ने 12 वर्ष बाद उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के पक्ष में फैसला दिया है। 
उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने विभाग के अधिकारियों से अपील किया है कि हाई कोर्ट लखनऊ बेंच की एकल पीठ द्वारा दिए गए फैसले का सम्मान करते हुए सभी वरिष्ठ बुजुर्ग शिक्षकों को उनके पुरानी पेंशन का लाभ देने का आदेश करें।

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