मेरे बेटे के शहादत का किया जा रहा अपमानः श्याम नारायण


प्रशासन व जनप्रतिनिधि के बेरुखी रवैये से नाखुश है शहीद परिवार
केराकत, जौनपुर। जिले के जिस लाल ने देश के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी, उसे क्या पता था कि उसकी शहादत के बाद भी उसके परिवार को समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। यह मामला केराकत क्षेत्र के भौरा ग्राम के शहीद संजय सिंह की है। शहीद के पिता श्याम नारायण सिंह ने स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा मेरे परिवार का अपमान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेरे बेटे को शहीद हुए तकरीबन पांच साल होने वाले हैं परंतु अभी तक मेरे बेटे के शहादत का प्रशासन द्वारा उचित सम्मान नहीं मिल पाया। मैं और मेरा परिवार पांच सालों से तहसील से लेकर जिले तक का चक्कर काटते रहे। बारिश के समय अगर हमें घर तक पहुँचना होता है तो कीचड़ भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मेरे बेटे के शहादत के वक्त जो भी घोषणाएं किये गए थे वे आज तक नहीं पूरे किये गये, न ही शहीद की मूर्ति स्थापना की गई और न ही शहीद रोड बनवाये गये। बताते चलें कि सीआरपीएफ के जवान संजय सिंह 25 जून 2016 को जम्मू कश्मीर के पम्पोर में पाकिस्तान के द्वारा किये गये कायराना आतंकी हमले में शहीद हो गये। शहादत की खबर जब उनके पैतृक निवास भौरा हुई तो समूचे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव लाया गया तो अपने लाल का एक झलक पाने के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद संजय सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

Post a Comment

0 Comments