भाजपा नेता आनंद बरनवाल को मिली राहत,गुंडा एक्ट पर एडीएम ने लगाई रोक,

 जौनपुर। खेतासराय के भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष आनंद बरनवाल पर लगाये गये गुंडा एक्ट पर आखिकार एडीएम ने रोक लगा दिया है। 
          इसमें अहम भूमिका निभाया जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने, उन्होने मीडिया की खबरो और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पीड़ित के बयान को संज्ञान लेकर पुनः सुनवाई करने का आदेश अपर जिलाधिकारी को दिया है।
      फिलहाल प्रथम चरण में 27 मार्च को दिये गये आदेश को स्थगित कर दिया है। इस केश के लिए अगली सुनवाई की तारीख पर किया जायेगा। 
           खेतासराय थाना क्षेत्र गोरारी गांव के निवासी आनंद बरनवाल मौजूदा समय में खेतासराय मंडल के भाजपा के उपाध्यक्ष है वे अपने गांव के दो बार प्रधान भी रहे है, जीवन यापन के लिए सोने चांदी की दूकान खेतासराय कस्बे में खोला है।
       खेतासराय थाने की पुलिस के रिपोर्ट पर न्यायायलय अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने बीते 27 मार्च को गुंडा एक्ट लगाने का आदेश  दिया था। 
लेकिन इसी बीच पंचायत चुनाव उसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते इसकी जानकारी आनंद को नहीं लग पाया, उन्हें 21 मई को जानकारी हुई तो वे सीधे एडीएम ऑफिस पहुंचे थे, इसी बीच मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों से आनंद ने अपनी पीड़ा बताया था।
         डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 24 मई को खुद पीड़ित को बुलाकर उनका पक्ष सुना, आनंद द्वारा दिए गए साक्ष्यों के आधार पर डीएम ने तत्काल एडीएम को पुनः सुनवाई का आदेश दिया। एडीएम ने 27 मार्च को दिए गए अपने आदेश पर रोक लगा दिया है। 
       पुलिस ने आनंद बरनवाल को 9 अक्टूबर 2016 को गोरारी गांव में हुए साम्प्रदायिक तनाव के मामले में आरोपी बनाया गया, दूसरा मामला 14 अप्रैल 2017 में हुए बवाल का आरोपी बनाते हुए उन पर 147, 148, 149, 504, 506, 352, 427, 336, 452, 307, 425 व 7 CLA ACT के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। इन्ही दोनों मामले को आधार बनाते हुए खेतासराय पुलिस ने जिला मजिस्ट्रेट को अपनी रिपोर्ट देते हुए लिखा कि अभियुक्त क्षेत्र का शातिर कुख्यात अपराधी है। अपने उदेश्य के लिए मारपीट करना व अवैध कार्य करके शांतिभंग करना मुख्य कार्य है, अपने भौतिक सुख एवं आर्थिक लाभ के लिए जनता को भयभीत करना मुख्य कार्य हो गया है। इसके विरुद्ध कोई भी व्यक्ति थाने पर सूचना देने व न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं करता है। पुलिस की इसी रिपोर्ट पर अपर जिला मजिस्ट्रेट ने आनंद बरनवाल पर गुण्डा एक्ट लगाते हुए छह माह तक सप्ताह के हर सोमवार को थाने पर हाजिरी देने का आदेश दिया था।

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