शहीद के परिवार को दिया गया आश्वासन अभी तक नहीं हो सका पूरा

जफराबाद, जौनपुर। सिरकोनी विकास खण्ड के इजरी गांव निवासी जिलाजीत यादव 12 जुलाई 2020 को देश की रक्षा करते हुए पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हो गये थे। पुलवामा से शहीद का शव उनके गांव इजरी लाया गया और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी। उस समय प्रदेश सरकार की तरफ से प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी, क्षेत्रीय विधायक डा. हरेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचकर शहीद के शव पर पुष्प अर्पित करते हुए अंतिम सलामी दिये थे। प्रभारी मंत्री ने राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रूपये का चेक परिजनों को सौंपा और क्षेत्र की जनता तथा शहीद के परिवार को आश्वासन दिया था कि शहीद के नाम शहीद स्मारक, सड़क का निर्माण तथा परिवार के एक सदस्य को सरकार की ओर से नौकरी दी जायेगी। शहीद के परिजनों ने बताया कि एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी प्रभारी मंत्री द्वारा किया गया वादा आज तक पूरा नहीं हो सका है। उनका वादा एवं आश्वासन पूरी तरह कोरा साबित होते दिखाई दे रहा है। शहीद की मां उर्मिला देवी ने बताया कि न तो अभी तक सड़क बनी, न ही शहीद स्मारक बना और न ही नौकरी मिली। शहीद जिलाजीत यादव ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। हमारे देश के वीर सैनिक दिन-रात बॉर्डर पर कठिन से कठिन परिस्थितियों में डटकर अपनी ड्यूटी करते हैं और उनकी वजह से हम लोग रात को चैन से सोते हैं। जानकारी के अनुसार दो दिन पूर्व प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी, राज्यमंत्री गिरीश चंद यादव, क्षेत्रीय विधायक डा. हरेंद्र प्रसाद सिंह ने शहीद के बगल के गांव सुरहूरपुर का निरीक्षण किया लेकिन शहीद के परिवार के घर न जाना और परिवार व क्षेत्रवासियों से किया गया वादा पूरा न करने का मामला अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व प्रधान इजरी पांचू सरोज ने कहा कि आश्वासन तो मिला लेकिन पूरा नहीं हुआ। कम से कम शहीद स्मारक बन जाता तो भी अच्छा था। प्रधान अशोक कुमार यादव ने कहा कि शहीद को अंतिम विदाई देने के बाद आज तक शासन प्रशासन ने शहीद के परिवार की कभी सुध नहीं ली। पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता जगदीश नारायण राय ने कहा कि भाजपा सरकार केवल आश्वासन की सरकार है। इसमें आश्वासन तो दिये जाते हैं लेकिन कभी पूरे नहीं किये जाते। जनता सारी चीजों को समझ चुकी है।

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