भ्रामक खबरों को बिना सत्यापन के न करें फारवर्डः डा. निमिष

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा शनिवार को फेक न्यूज एवं तथ्य सत्यापन विषयक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विज्ञान फिल्म फेस्टिवल एवं प्रकाशन प्रभाग विज्ञान प्रसार भारत सरकार के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. निमिष कपूर ने प्रतिभागियों को ऑनलाइन तथ्य सत्यापन के तकनीकों से परिचित कराया। यह कार्यक्रम गूगल न्यूज इनिसिएटिव इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क के अंतर्गत किया गया। उन्होंने कहा कि भ्रामक खबरें लोगों में सूचनाओं की महामारी फैला रहे हैं, इससे बचने के लिये आपको खुद से खबरों का सत्यापन अधिकृत स्रोतों से करने की जरूरत है। इसमें रिवर्स इमेज फेक न्यूज से सम्बंधित फोटो को सत्यापित करने में काफी सहायक है। कोरोना काल में कई दावों में विभिन्न साधनों से कोरोना वायरस को मारने के दावे किये गये परंतु वास्तविकता में वायरस मारा नहीं जा सकता। ऐसी कई खबरें लगातार कोरोना काल में प्रसारित हुईं। ऐसी अन्य भ्रामक सूचनाओं को बिना सत्यापन के फॉरवर्ड नहीं करना चाहिए। इमेज या टेक्स्ट फॉर्म की न्यूज हम गूगल या अन्य स्रोतों के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी ध्वनि को सत्यापित करने का तरीका नहीं है लेकिन फिर भी गूगल रिवर्स इमेज और टेक्स्ट सर्च जैसी तकनीकों से काफी हद तक भ्रामक या गलत जानकारियों का सत्यापन किया जा सकता है। इसके अलावा यूट्यूब, डाटा व्यूवर, इनविड जैसे सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी फेक वीडियो का सत्यापन किया जा सकता है। उन्होंने वर्तमान समय में फैल रही भ्रामक सूचनाओं को सत्यापित करने के लिये कई वेबसाइट के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने इन साफ्टवेयर्स का प्रयोग कैसे किया जाता है इसकी प्रायोगिक जानकारी भी दी। डा. कपूर ने प्रतिभागियों को बताया कि फेक न्यूज का सच पता करने के लिये ऑनलाइन रोजगार परक कोर्स किये जा सकते हैं। उन्होंने मीडिया के विद्यार्थियों से कहा कि फेक न्यूज की सच्चाई लाने के लिये यू ट्यूब पर अपना चैनल बनाना चाहिए। इससे तथ्य सत्यापित खबरें लोगों तक पहुंचेगी। यह हम सभी की समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी है। विषय प्रवर्तन एवं स्वागत विभाग के अध्यक्ष डा. मनोज मिश्र ने किया। तकनीकी सहयोग तथा संचालन शोधार्थी मनोज भट्ट ने किया। इस अवसर पर प्रो. मानस पाण्डेय, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा. चंदन सिंह आदि उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments