आयुष्मान कार्ड न होता तो बेचना पड़ जाता खेत

जौनपुर। शहर के एक अस्पताल में भर्ती आयुष्मान भारत आरोग्य योजना के तहत भर्ती मरीज रामधनी से केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडिया ने वीडियो कांफ्रेंस की। उन्होंने पूछा कैसे चोट लगी तो रामधनी ने कहा कि साइकिल से गिर गया। यदि आयुष्मान कार्ड न होता तो इलाज के लिए खेत बेचना पड़ता। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पूछा कि आपकी सालाना आमदनी क्या है, जवाब मिला कि उतना ही खेत है जिससे आधा दर्जन परिवार का किसी तरह पेट भर जाता है। डाक्टर के बारे में पूछा तो बताया कि डा सुभाष सिंह के यहां अच्छा इलाज, भोजन व सभी सुविधाएं मिलती हैं। मंत्री ने डा. सिंह से कहा कि आयुष्मान कार्डधारकों को कोई परेशानी न होने पाए। अब तक आपने कितने मरीजों का इलाज किया तो बताया कि 153 के आपरेशन और कई के सामान्य दवाएं चलीं। जलालपुर के लालपुर उत्तर प्रदेश निवासी रामधनी ही 18 अगस्त के सेशन में देश के एक मात्र मरीज थे जिनसे प्रधानमंत्री की ओर से केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडिया ने बात की। इससे पहले अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ सन्तोष मौर्य एवं आयुष्मान मरीजों की जिम्मेदारी संभालने वाली स्टाफ मोनी मौर्या ने मंत्री से बात करने के लिए तैयार कर दिया था। वीडियो कांफ्रेंस के दौरान आयुष्मान भारत योजना के नोडल अफसर एवं एडिशनल सीएमओ डा. आरके सिंह व उनकी टीम के हिमांशु शेखर सिंह, डा. बद्री विशाल पांडेय भी मौजूद रहे।

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