बसुही नदी के जलजमाव से कई गांवों का सम्पर्क कटा


मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील क्षेत्र में जहां सैकड़ों गांवों में विगत दिनों हुई बारिश से जलजमाव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। जल निकासी न होने से घर, खेत, रास्ते डूब चुके हैं। शासन के निर्देश के बाद भी तहसील प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है। बताया जाता है कि सपा के पूर्व मंत्री व विधायक राज नरायण बिन्द ने शासन व जिलाधिकारी को पत्र लिखकर स्थानीय विकास खण्ड के जुड़ऊपुर, खजुरहट, परसूपुर, दाऊदपुर, कटाहित खास, पतुलकी, कोरमलपुर, आनापुर, सराययुसुफ, मनिकापुर, डगरियांव आदि गांवों में जलनिकासी की मांग की है और मरीमाई पुल से हरदुआरी तक अरसी नदी तक खुदाई कर चौड़ीकरण की मांग की है। इसके साथ ही अतिक्रमित नालियों की खुदाई सफाई की आवश्यकता पर बल दिया है। इसी प्रकार मछलीशहर विकास खण्ड के बंधवा बाजार पश्चिम में बसुही नदी के किनारे बसे बामी, कठार, भटेवरा, महापुर, नरसिंहपुर, भुसौला, ऊंचडीह, टिकरा, सहनी गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। इस समस्या को लेकर जिला और तहसील प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। बरसात के 4 दिन रुकने के बावजूद अभी भी जल स्तर बढ़ रहा है। पिछली बाढ़ में तत्कालीन जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने इन बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया था और बंधवा पुल के कारण जल जमाव की इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन बाढ़ गयी बात गयी। इस समय पुल के मुंह के पास कचड़े और झाड़-झंखाड का जमाव हो गया है। जिस कारण पानी तेजी से नहीं निकल पा रहा है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित बामी और आस पास के गांवों के लोगों ने इसे हटाने का प्रयास किया किन्तु सफलता नहीं मिली। बामी के निचले इलाकों में पानी भर गया है लोग अपने मवेसी लेकर ऊंचे स्थानों पर भाग रहे हैं। बामी का सम्पर्क तीनों ओर से कट गया है। बामी में बन रही प्रधानमंत्री सड़क के ठेकेदार ने सड़क पर बड़ी गिट्टी डालकर छोड़ दिया है। इस सम्बन्ध में बामी की प्रधान श्रीमती सरोज सिंह कहती हैं कि प्रशासन की उदासीनता के चलते उनका गांव इन समस्याओं से जूझ रहा है।

Post a Comment

0 Comments