किसानों ने प्रदर्शन कर तहसीलदार को सौंपा पत्रक

केराकत, जौनपुर। स्थानीय कोतवाली चौराहे पर किसानों के संयुक्त संगठनों ने धरना देते हुए कई मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए अपनी मांगों का पत्रक तहसीलदार को सौंपा। किसानों का कहना है कि देश की राजधानी दिल्ली के चारों तरफ बार्डर पर लाखों किसान 10 महीने से सर्दी, गर्मी, बारिश को झेलते हुए शान्तिपूर्वक बैठे हुए हैं। अब तक लगभग साढ़े छः सौ किसान अपना बलिदान कर चुके हैं। देश हम किसानों-मजदूरों को अन्नदाता और निर्माता कहता है। कृषि योग्य भूमि बनाने से फसल उत्पादन तक, आवासों, सड़कों से लेकर समाज की समस्त आवश्यक वस्तुओं के निर्माण तक पिछले 74 वर्षों में हमने इन जिम्मेदारियों को निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जब अंग्रेज देश छोड़े तब 33 करोड़ देशवासियों का जमीन के सहारे पेट भरते और देश में संसाधनों के निर्माण में लगे रहते थे। आज भी लगभग 140 करोड़ जनता को भोजन (रोटी) कपड़ा मकान स्वास्थ्य सुरक्षा की वस्तुओं के लिए उत्पादन करते हैं। कोरोना के दौरान जब छोटे-मझोले व राष्ट्रीय उद्योग ठप से हो गये तब भी किसान व ग्रामीण मजदूर अपनी जान की परवाह किए बगैर रिकार्ड उत्पादन किया। इन कानूनों को बिना किसी जरूरत के अध्यादेश के माध्यम से चोर दरवाजे से लागू किया गया। इन सभी मामलों को काला कानून बताते हुए धरना देते हुए अपनी बात रखी जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के घटक संगठन खेत मजदूर किसान संग्राम समिति जौनपुर व भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) शहीद भगत सिंह छात्र नौजवान सभा एसआईकेएस, किसान सभा, एसीआईटीयू, एआईकेएम, खेत मजदूर यूनियन, सीआईटीयू संगठन के किसान मौजूद रहकर प्रदर्शन किया। अध्यक्षता कामरेड बचाऊ राम व संचालन राजदेव यादव ने किया। इस अवसर पर एड अनिल गांगुली, प्रधान राजदेव राम सरकी, एड नमोनाथ शर्मा, दयाराम, आजाद कुरैशी, खुर्शीद अहमद, सतेंद्र राम आदि उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments