जौनपुर का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहींः ज्ञान प्रकाश सिंह

जौनपुर। शिवसेना के मुख पत्र सामना में प्रकाशित एक लेख में जौनपुर जिले को हत्या और ब्लात्कार से जोड़ने पर सियासी घमासान मचा हुआ है। तमाम सियासी दलों के लोग शिवसेना से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह ने शिवसेना नेता संजय राउत पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि श्री राउत को जौनपुर जिले का इतिहास पढ़ना चाहिये। बलात्कार और हत्या जैसी घटना को किसी जिले का पैटर्न बताना जौनपुर की 45 लाख जनता का अपमान है। जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। श्री सिंह ने कहा कि जौनपुर कभी भी अपराध के लिये नहीं जाना गया। इस जिले की पहचान सदियों से शिक्षा के केंद्र के रूप में रही है। इस धरती पर बड़े बड़े लेखकों, कवियों और शायरों ने जन्म लिया है। शर्की शासन में जौनपुर को शीराज-ए-हिन्द का खिताब मिला। स्वतंत्रता संग्राम में जौनपुर के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इसी जिले के मुबारकपुर गांव में 40 स्वतंत्रता सेनानियों को एक साथ फाँसी के फंदे पर लटकाया गया। ज्ञान प्रकाश सिंह ने सामना के सम्पादक और शिवसेना नेता संजय राउत को जौनपुर का इतिहास पढ़ने की नसीहत दी। कहा कि जौनपुर अपराधियों नहीं अफसरों की धरती है। यहां के माधोपट्टी गाँव से 3 दर्जन से भी ज्यादा आईएएस, आईपीएस अफसर देश की सेवा कर रहे हैं। जौनपुर की माटी ने रूपनारायण त्रिपाठी, श्रीपाल सिंह क्षेम, वामिक जौनपुरी और सज्जाद जहीर जैसे कवियों-साहित्यकारों को जन्म दिया है। इसी जौनपुर के बिजेथुआ में हनुमान जी के कदम पड़े, यहीं चौकियां माता का धाम है। यह भगवान परशुराम की भी धरती है। गुरुगोविंद सिंह के कदमों के निशान भी इस जिले की धरती पर हैं। भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना को शायद पता नहीं की जाने माने डीएनए वैज्ञानिक लालजी सिंह ने भी इसी जमीन पर जन्म लिया। यहां के लोगों ने मुम्बई शहर को भी अपने खून पसीने से सींचा है। जौनपुर के हजारों अध्यापक मुम्बई शहर में लोगों को शिक्षा देकर जीवन जीने का सलीका भी सिखाते हैं।

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