प्रदेश के 20 हजार तकनीकी कर्मियों का प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आन्दोलन पुनः शुरू

जौनपुर। समस्त ऊर्जा निगमों के अंतर्गत तैनात टैक्नीशियन (टी.जी.2) कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र कैडर संघ- राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन के तानाशाही रवैये व अन्यायपूर्ण नीति के विरोध में पूर्व प्रस्तावित 8 चरणों के प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की नोटिस के अनुसार प्रथम चरण आंदोलन से आगाज किया गया। इसी क्रम में सोमवार को जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश कमुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रस्तुत कर प्रभावी हस्तक्षेप करते हुए संवर्ग की समस्याओं का निवारण किये जाने का अनुरोध किया गया।  साथ ही संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष बृजेश त्रिपाठी व केंद्रीय महासचिव मो. वसीम ने समस्त ऊर्जा निगमों के मुख्यालय शक्ति भवन के समक्ष एक दिवसीय सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर ऊर्जा प्रबन्धन का ध्यानाकर्षण कराया। यह जानकारी देते हुये संघ के जिलाध्यक्ष अरविंद मिश्रा ने बताया कि संघ विगत एक वर्ष से प्रदेश के टैक्नीशियन कर्मियों की मूलभूत मांगों व समस्याओं के समाधान हेतु प्रयासरत है जिसके क्रम में माह फरवरी से प्रांतव्यापी चरणबद्ध आंदोलन प्रारम्भ किया गया था। इसके सप्तम चरण उपरान्त माननीय ऊर्जा मंत्री द्वारा हस्तक्षेप किये जाने व समस्त समस्याओं का समाधान कराये जाने के आश्वासन दिए जाने के उपरांत आंदोलन स्थगित किया गया था। उन्होंने बताया कि आंदोलन स्थागन के पश्चात दो बार प्रबन्ध निदेशक उप्र पावर कारपोरेशन लि. की अध्यक्षता में ऊर्जा प्रबन्धन व संघ प्रतिनिधि मंडल के मध्य 3 अप्रैल 2021 व 17 अगस्त 2021 को द्विपक्षीय वार्ताओं में संवर्ग की समस्याओं/मांगों के सम्बंध में आम सहमति भी बनी थी। संघ के पूर्वांचल महासचिव सत्य नारायण उपाध्याय ने बताया कि शासन स्तर पर भी 29 जुलाई,, 12 अगस्त व 5 सितम्बर 2021 को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के साथ संघ प्रतिनिधियों की सम्पन्न वार्ताओं में भी उक्त मांगों/समस्याओं के समाधान के सम्बंध में आम सहमति बनी थी किन्तु प्रबंधन शासन की मंशा के विरुद्ध ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति को उतपन्न कर रहा है। इससे पहले 24 अगस्त 2019 की प्रबंधन से वार्ता एवं समझौता भी 2 वर्षों से लम्बित ही है और सहमती के अनुसार प्रबंधन कार्यवाही नहीं कर रहा है। जिला संरक्षक सूर्य प्रकाश सिंह ने बताया कि शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा लगातार अपने तकनीकी कर्मियों की जायज मांगों व समस्याओं के प्रति उदासीनता दिखाई जा रही है। उनका कहना था कि प्रबन्धन का इस प्रकार का रवैया न कर्मचारी हित में है, न उद्योग हित में है और न ही प्रदेश हित में है। जिला सचिव रणविजय बिन्द ने बताया कि प्रबन्धन की हठधर्मिता व अन्यायपूर्ण नीति के कारण संवर्ग में अत्यंत रोष व्याप्त है। संघ सदैव शांतिपूर्ण रूप से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से संवर्ग की जायज मांगों/समस्याओं का निवारण चाहता है परंतु प्रबंधन द्वारा विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं उपरांत उनके द्वारा कार्यवृतों का क्रियान्वयन किये जाने की बजाय साल भर से परीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। यदि शीघ्र ही ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा अपनी हठधर्मिता छोड़कर पूर्व में बनी सहमति के अनुसार परिणामी आदेश जारी नहीं किये जाते हैं तो आंदोलन के अग्रिम चरणों/कार्यक्रमों का आयोजित किया जाना संघ की बाध्यता होगी जिसके फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की औद्योगिक अशांति व टकराव की स्थिति के लिए सिर्फ और सिर्फ शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन ही उत्तरदायी होगा। ज्ञापन कार्यक्रम में पूर्वान्चल महासचिव सत्य नरायण उपाध्याय, जितेन्द्र यादव, मुकुंद लाल, धुरेन्द्र विश्वकर्मा, शिखर श्रीवास्तव, अशोक पटेल, दीपक तिवारी, विपुल सिंह, अजीत यादव, महमूद आलम सहित तमाम तकनीशियन कर्मी उपस्थित रहे।

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