अफ़ज़ल इलाहाबादी के सम्मान में शेअरी नशिस्त का आयोजन

अफ़ज़ल इलाहाबादी के सम्मान में शेअरी नशिस्त का आयोजन

जौनपुर यूपी
अजवद क़ासमी

मशहूर शायर अफ़ज़ल इलाहाबादी की एज़ाज़ में नगर के मोहल्ला तारापुर स्थित कैम्प कार्यालय पर एक एज़ाज़ी शेअरी नशिस्त डॉ पी सी विश्वकर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिसकी शुरुआत क़ारी इश्तेयाक अहमद ज़िया जौनपुरी ने तिलावत ए क़ुरआन से किया। नात ए पाक शायर मोनिस जौनपुरी ने पेश किया। प्रोग्राम का संचालन अध्यक्ष शायर असीम मछली शहरी ने किया।

अध्यक्षता करते हुए डॉ पी सी विश्वकर्मा ने कहा कि शायर अफ़ज़ल इलाहाबादी एक बड़े मंच के शायर हैं मगर हमारे बीच मुहब्बतों के कारण उपस्थित हैं आजका ये प्रोग्राम उनके सम्मान में आयोजित किया गया है आज हम सभी लोग उनके लिये भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वो विश्व प्रख्यात शायर बनकर उर्दू अदब व ज़बान की ख़िदमत करते रहें। इस अवसर पर उपस्थित समस्त कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं को पढ़ा जिसकी कुछ पंक्तियां निम्नलिखित हैं।

खुल्द की बहारें भी रश्क जिसपे करती हैं
आमिना के आँगन में वो बहार आयी है
क़ारी ज़िया जौनपुरी

कोई अहले क़लम अहले नज़र अच्छा नहीं लगता
ये कैसा ऐब है उसको हुनर अच्छा नहीं लगता
मोनिस जौनपुरी

सर् किसी दर पर झुकाया दिल किसी दहलीज़ पर
है किधर किबला मगर किस समत सजदा हो गया
अंसार जौनपुरी

देख कर आबिद व ज़ाहिद भी बहक जाते हैं
तेरी आँखों में क़यामत का नशा रखा है
अफ़ज़ल इलाहाबादी

तेरी महफ़िल में मैं भी बैठा हुँ
एक नज़र देखने की ज़हमत कर
सर् जौनपुरी

ज़ुल्मत में जब चराग़ मोहब्बत के जल पड़े
हम जुस्तजू ए यार में घर से निकल पड़े
शोहरत जौनपुरी

खुशिया तवाफ़ करती हैं आके मेरे दिल में
मैंने ग़म ए सनम को दिल में जगह जो दी है
नासिर जौनपुरी

हम अपने आपसे और उससे नज़रें चुराते हैं
हमारी जेब में हाथ जब बच्चा डाल देता है
शहज़ाद जौनपुरी

डरा रहे हो मुझे हादसों से क्यूँ आख़िर
हम हादसात की वादी में पल के आये हैं
असीम मछली शहरी

प्रेम को देता है दुआ जो भी
वो दुआ मां की एक दुआ सी है
प्रेम जौनपुरी

अंत में बज़्म ए हफ़ीज़ जौनपुरी के अध्यक्ष असीम मछली शहरी ने समस्त कवियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

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