इस्लामिक इतिहासकार कैसर रज़ा की मजलिसे छमाही में जुटे अज़ादार , अंजुमनों ने पढ़े पुरदर्द नौहे

इस्लामिक इतिहासकार कैसर रज़ा की मजलिसे छमाही में जुटे अज़ादार , अंजुमनों ने पढ़े पुरदर्द नौहे
जौनपुर । नगर के मोहल्ला चितरसारी कदीम चौक इमामबारगाह में देर रात मरहुम अल्हाज सैय्यद कैसर रज़ा की मजलिसे छमाही  को खेताब करते हुए मौलाना सै. इतरत  हुसैन रिज़वी साहब किबला ने खिताब फरमाते हुए कहा कि रसूल फरमाते है कि अली दरवाज़ा है ,मैं शहरे इल्म हूं । खुदा ने कुरान में फरमाया है कि घर मे आओ तो दरवाज़े से आओ अगर कोई शख्श कही और से आएगा वह चोर दिखाई देगा ।  इससे पूर्व सोज़ख़्वानी डॉ एबाद अली साहब  व उनके हमनवां ने पढ़ा ।बाद खत्म मजलिस शहर की मशहूर अंजुमन कौसरिया रिज़वी खा जौनपुर ने  अपने अंदाज में दर्द भरे नौहे पढ़ कर करबला के शहीदों को पुरसा दिया। इस मौके पर मौलाना सैय्यद सफदर हुसैनज़ैदी , मौलाना मरगूब आलम  ,शायर रज़ी बिस्वानी , हेजाब इमामपुरी , सैय्यद मो0 हाशिम रिज़वी इलाहाबादी , इसरार एडवोकेट, पत्रकार आरिफ हुसैनी,अनुज गुप्ता ,शम्स हैदर,शाहाब हैदर पटनवी ,फ़ज़ल हैदर अकबरपुरी,शाहिद रिज़वी लखनवी,वफादार हुसैन जहानियापुरी,मो0 रज़ा, शारूख,ज्ञान प्रकाश ,वेकार हुसैन खा आदि लोग मौजूद रहे ।पत्रकार सैय्यद सलमान रज़ा ,इरफान रज़ा ने आए हुए तमाम मोमनीन का शुक्रिया अदा किया।

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