310 की जांच में 156 डेंगू के पुष्ट रोगी चिन्हित

 जौनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 जीएसबी लक्ष्मी द्वारा अवगत कराया कि फाइलेरिया एक प्रकार के कृमि परजीवी द्वारा होने वाली बीमारी है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। 
    विशेषज्ञों का मानना हैं कि आयु वर्ग के अनुरूप वर्ष में एक बार पांच वर्षाे तक फाइलेरिया की दवा का सेवन करने से फाइलेरिया रोग नहीं होता है।   जनपद में 22 नवम्बर से 07 दिसम्बर तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के अन्तर्गत दवा खाली पेट नहीं खाना हैं। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलायें एवं अत्यधिक बीमार लोगों को दवा नहीं खाना हैं।
      कार्यक्रम के अन्तर्गत 01 टीम द्वारा प्रतिदिन 125 लाभार्थियों को घर-घर जाकर अपने सामने दवा खिलाया जायेगा। कार्यक्रम सप्ताह के 04 दिनों सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार को प्रातः 11 बजे से सायं 04 बजे तक चलेगा एवं छूटे हुए लोगों को दवा खिलाने हेतु मॉप-अप सप्ताह के शेष 02 दिनों में किया जायेगा।  
       जिला मलेरिया अधिकारी ने अवगत कराया है कि वर्तमान समय मच्छरजनित बीमारियों यथा डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, जे0ई0 इत्यादि एवं जलजनित बीमारियों जैसे गैस्ट्रो, पीलिया, टाइफाइड, स्क्रब टाइफस के संचरण का अनुकूल वातावरणीय समय है। बीमारी के प्रसार से पूर्व अवश्यक है कि उससे सम्बन्धित गतिविधियॉ सम्पन्न करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि अबतक कुल 310 डेंगू संभावित रोगियों का सैम्पल डेंगू की पुष्टि हेतु बी0एच0यू0 भेजा जा चुका है, जिसमें से 299 सैम्पल का परिणाम प्राप्त हो गया है। जनपद में अबतक कुल 156 डेंगू के पुष्ट रोगी चिन्हित हुए हैं। बीमारी के रोकथाम हेतु ग्रामीण स्तर पर पंचायतीराज विभाग द्वारा एवं नगरीय क्षेत्र में नगरपालिकाओं के माध्यम से फागिंग, लार्वीसाइडल स्प्रे नियमित रूप से कराया जा रहा है। जौनपुर अर्बन क्षेत्र में कुल 10 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स के माध्यम से मच्छरों के प्रजनन स्रोतों का विनष्टीकरण कराया जा रहा है।

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