डाला छठ के तीसरे दिन व्रती माताओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य


जौनपुर। बीते सोमवार को नहाय-खाय के साथ शुरू डाला छठ (सूर्य षष्ठी) के तीसरे दिन यानी बुधवार को व्रत माताओं द्वारा अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया। इसके साथ ही गुरूवार को सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद 24 घण्टे के व्रत का पारण करते हुये 4 दिवसीय अनुष्ठान का समापन भी हो जायेगा। देखा गया कि व्रती माताओं ने मंगलवार को खरना का व्रत रखते हुये शाम को खीर-रोटी खाया। गुरूवार की शाम को स्नान करने के बाद नये परिधान ग्रहण करते हुये महिलाएं फल, गन्न, लाल कंदा, फूल, माला, अगरबत्ती, धूपबत्ती सहित अन्य सम्बन्धित पूजन सामग्रियां लेकर नदी, तालाब, जलाशय आदि के किनारे पहुंच गयीं। पूजन सामग्री के साथ लोटे में जल लकर व्रती महिलाएं पानी में खड़ी हो गयीं जो अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दीं। इसके बाद छठी मइया का गीत गाते हुये महिलाएं घर चल गयीं जो अब दूसरे दिन यानी गुरूवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन करेंगी जिसके बाद सगे-सम्बन्धितों सहित अन्य लोगों को प्रसाद देंगी। देखा गया कि नगर के नखास स्थित प्रतिमा विसर्जन घाट, गोपी घाट, गूलर घाट, हनुमान घाट, तूतीपुर घाट, केरारवीर घाट, रत्ती लाल घाट, मां अचला देवी घाट, पांचो शिवाला मन्दिर घाट सहित जिला मुख्यालय सहित ग्रामीणांचलों के नदियों, तालाबों, नहरों सहित अन्य जलाशयों के किनारे जहां व्रती माताओं ने अनुष्ठान किया, वहीं उनके परिजन सहित देखने वालों की काफी भीड़ एकत्रित रही। बता दें कि यह व्रत माताओं द्वारा अपनी सन्तानों के दीर्घायु सहित सुख, समृद्धि, यश, कीर्ति आदि के लिये रखा जाता है।

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