पंजीकरण से चार गुना अधिक चल रहे अवैध अस्पताल,

जौनपुर। नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में मनमानी ढंग से अवैध निजी अस्पताल विभाग की सह पर चलाये जा रहे है। इस प्रकार दर्जनों अस्पताल का रजिस्टेªशन तो हैं लेकिन स्थाई डाक्टर का पता नहीं, केवल डाक्टर का सर्टिफिकेट लगाकर अपनी दुकान चला रहे हैं।
      दूसरी तरफ कुछ निजी अस्पताल तो ऐसे हैं जहां पर न तो रजिस्ट्रेशन है न तो डॉक्टर है फिर भी उनकी दुकान जोरों शोरों पर चल रही है। 
     सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार अवैध अस्पताल का संचालन विभाग के नोडल अधिकारी की लूट खसोट की नीति के कारण हो रहा है। इस प्रकार के अस्पताल चलाने के लिए मोटी रकम वसूली जाती है और जब इस बारे में शिकायत की जाती है तो उसपर जांच न कर काम अधिक होने का बहाना बनाकर मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के फाइलो में कुल 600निजी अस्तपताल का पंजीकरण हुआ है, जिसमें से तीन दर्जन से अधिक का रिनीवल नहीं हुआ है जबकि इतने ही अस्पताल बन्द हो चुके है। 
     नियमानुसार पंजकृत लगभगम पांच सौ अस्पताल जिले भी है लेकिन इसके चार गुना से अधिक फर्जी और मानक विहीन अस्पतालों का संचालन नोडल अधिकारी करवा रहे है। इसके एवज में उन्हे जहां मोटी रकम मिल रही है, वहीं मंहगी गाड़ियां भी उपहार के रूप दी गयी है।
   सूत्रों का कहना है कि उक्त अधिकारी के आय की जांच करायी जाय तो अरबो की नामी बनामी सम्पत्ति प्रकाश में आ सकती है। सत्ताधारी दल को इस बारे में जांच कराकर गरीब और कमजोंरो के आर्थिक शोषण रोकने की जरूरत है।

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