किसानों की फसलें जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग से होती है प्रभावितः डा. जिया लाल


मुफ्तीगंज, जौनपुर। बाबा प्रसिद्ध नारायण महाविद्यालय बग्थरी मुरारा के प्रांगण में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पधारे राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान महाराष्ट्र भारत सरकार व अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. जिया लाल जैसवार ने कहा कि पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया के हर विकासशील देश परेशान है। भारत चूंकि कृषि प्रधान देश है, इस नाते यहां किसानों को इसकी मार सबसे अधिक झेलनी पड़ती है। विकसित देशों के अंधाधुंध गला काट विकास की प्रतिस्पर्धा ने पूरे मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है। प्रदूषण के स्रोतों, उसके परिणाम तथा बचने के उपाय पर चर्चा करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा समुद्र स्तर बढ़ाव एवं जलवायु परिवर्तन, ग्राउंड वाटर की लगतार हो रही कमी से विद्यार्थियों के बीच समझाया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। गुजरात में अपने द्वारा उद्योगों को दिए गए योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि जरूरत के मुताबिक केराकत क्षेत्र में भी गुजरात मॉडल की तरह उद्योग धंधे लगाने का प्रयास करूंगा। इस अवसर पर प्रबन्धक अशोक सिंह, प्राचार्य डा. राम औतार सिंह, आयोजक प्रवीण सिंह सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।

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