एकता का मिसाल है उर्स (असरा शहीद बाबा) का मेला

करंजाकला, जौनपुर। जौनपुर-शाहगंज मार्ग के समीप सिद्दीकपुर आसरा शहीद बाबा पर प्रतिवर्ष उर्स मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु आकर मत्था टेकते हैं और मनोकामना पूर्ति के लिए दुआ करते हैं। सिद्दीकपुर असरा शहीद बाबा पर लगे उर्स मेले में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा देखने को मिलता है। ऐसी मान्यता है कि यह मेला किसी एक धर्म का नहीं, बल्कि सभी धर्म के लोगों के लिए लगता है। मेले में दूर-दराज से जायरीन लोग आकर अपनी मनोकामना के लिए दुआ करते हैं। जामा मस्जिद सिद्दीकपुर के मौलाना अब्दुल अहद ने कहा कि यह मेला एकता की मिसाल है। यहां धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि आपसी भाईचारा मे लोग एकत्रित होते हैं और सिद्दीकपुर गांव से सटे दर्जनों गांव से सैकड़ों लोग इस मेले में आते हैं। आपसी भाईचारा की मिसाल कायम करते हुए पन्ना लाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जन कल्याण समिति के संस्थापक शिवा वर्मा ने लंगर लगाकर लोगों के भोजन की व्यवस्था करवायी और बढ़-चढ़कर समाजसेवा में अपना योगदान दिया। श्री वर्मा ने बताया कि हमारा हमेशा से यही मानना है कि हमें किसी धर्म-जाति से नहीं, बल्कि आपसी भाईचारा से पहचान मिलनी चाहिए और जब तक समाज में जातिवाद रहेगा तब तक लोग एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करते रहेंगे। हम सबको मिल-जुलकर रहना चाहिए। थोड़ा ही मिले लेकिन उसी में सबको मिल बांटकर रहना चाहिए। मेले में बच्चों ने जमकर खिलौने और झूले का आनंद उठाया। किसी ने बांसुरी तो किसी ने गुब्बारे की खरीदारी की। मेले में लगे लंगर काफी लोगों ने खूब आनंद लिया। मेले का आयोजन नसीम हाशमी के नेतृत्व में हुआ। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।

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