कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े से निकला कदीम जुलूस

इंसानियत के लिए दर्स देने का काम करेगी हुसैन की कुर्बानी : मौलाना सज्जाद हुसैन
कदम रसूल छोटी लाइन इमामबाड़े से निकला कदीम जुलूस
देश के जाने माने शिया धर्म गुरुओं ने किया मजलिस को खेताब
पंजतनी कमेटी द्वारा सालाना मजलिस के 23वें दौर का हुआ आयोजन
जौनपुर। जमीने मुबारक कदम रसूल छोटी लाइन इमाम बारगाह भंडारी स्टेशन के पीछे रविवार को हिंदू, मुस्लिम एकता के प्रतीक शिया पंजतनी कमेटी के तत्वावधान में 23वां ऑल इण्डिया मजलिसे अजा व जुलूस सम्पन्न हुआ। इस अजीमुश्शान मजलिस में देश के मशहूर मौलाना सैय्यद सज्जाद हुसैन रिज़वी  बिहार ने कहा कि ईमाम हुसैन अ.स. की कर्बला के मैदान में दी गयी कुर्बानी रहती दुनिया तक न सिर्फ याद की जाती रहेगी बल्कि इंसानियत के लिए दर्स देने का काम करती रहेगी। कहा कि दुनिया में कुर्बानिया तो बहुत दी गयी लेकिन ऐसी कुर्बानी किसी भी धर्म के इतिहास में नहीं मिलती।
मौलाना गुलाम अली खान हरिद्वार  ने कहा कि कर्बला के मैदान में बुजुर्ग से लेकर जवान और बच्चे तक के साथ इस हद तक बर्बता की गयी कि किसी भी सदी में जब यह दास्तां बयां की जायेगी तो जिस इंसान के सीने में दिल होगा उसकी आंखे जरुर छलक उठेंगी। मौलाना शेर अली मेरठ ने कहा कि इमाम हुसैन अ.स. के चाहने वालों को चाहिए कि उनके संदेश से ऐसी जागरुकता पैदा करें कि इंसान के दिलों की आंखे रोशन हो जाय। मजलिस का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। सोजख्वानी एहतेशाम अब्बास व उनके हमनवां ने  किया। पेशखानी मशहूर तनवीर जौनपुरी, रेयाज मोहसिन बड़ागांवी, डा.शोहरत जौनपुरी, हसन फतेहपुरी, मेहदी जैदी,रेहान मेंहदी,मोहसिन अपने कलाम पेश कर कर्बला के शहीदों को नजराने अकीदत पेश किया। अलविदाई मजलिस मौलाना सैय्यद सज्जाद हुसैन रिज़वी  मेमन सादात बिहार ने खेताब करते हुए बताया कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है क्योंकि इस्लाम ने हमेशा अपना खून बहाकर इसे परवान चढ़ाया है। इतिहास गवाह है कि हजरत मोहम्मद साहब व उनके नवासों ने अपना लहू देना गवारा समझा और इसके लिए सर कटाने से भी पीछे नहीं हटें।  मजलिस  के बाद शबीहे ताबूत अलम मुबारक व जुलजनाह निकाला गया। जिसमें अंजुमन शमशीरे हैदरी नौहाख्वानी व मातम करती रही। हर तरफ बस या हुसैन की सदा के साथ कर्बोबला का तपता जंगल हाय हुसैन हाय हुसैन सुनाई दे रहा था। जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह कदम रसूल में जाकर खतम हुआ।नमाज़ मौलाना मनाज़िर हसनैन ने अदा करायी। शिया धर्मगुरु मौलाना सफदर हुसैन जैदी ,मोहम्मद हसन नसीम,डॉ अलमदार नज़र,बेलाल हुसैन,रिज़वान हैदर राजा, सूरज साहू,नायाब हसन सोनू ,अजादार हुसैन, सादिक़ रज़ा,आरिफ अब्बास एडवोकेट,  जुलूस में ,पंजनती कमेटी की ओर से शाहिद मेहदी, नेहाल हैदर कैफ़ी रिज़वी, सै.हसनैन कमर दीपू तो तौकीर हसन ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन डा.मौलाना शेख हसन जाफर ने किया।

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