सोच में परिवर्तन से बेटियां आगे बढ़ीः राज्यपाल

सोच में परिवर्तन से बेटियां आगे बढ़ीः राज्यपाल
शिक्षा चरित्र निर्माण के लिए होनी चाहिएः प्रो. जे. एस. राजपूत
पीयू के विद्यार्थियों में असीम क्षमताः कुलपति
विश्वविद्यालय ने प्रो. जे. एस. राजपूत को दी डी. एससी. की मानद उपाधि
विश्वविद्यालय में मनाया गया 25 वां दीक्षांत समारोह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह शुक्रवार को महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मनाया गया। इस अवसर पर मेधावियों को 65 गोल्ड मेडल दिए गए। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जे.एस. राजपूत को डी.एससी. की मानद उपाधि प्रदान की गई। इसी के साथ रसायन विज्ञान के प्रो, दीपक पठानिया को भी डी.एससी की उपाधि दी गई।
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पूर्वांचल की मिट्टी में कुछ खास है तभी यहां की बेटियां बेटों से आगे हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ 75 फीसदी बेटियां मेडल प्राप्त की हैं, स्थिति काफी अच्छी है। बेटियां आगे बढ़ रहीं हैं। आज के वातावरण में सोच और समझ में परिवर्तन आया है उसी से बेटियां आगे बढ़ी हैं। उन्होंने छोटे बच्चों पर कहा कि ऐसे छोटे बच्चे गाँव से जब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आते हैं तो यहाँ की भव्यता देखकर वह मन में सोच कर जायेंगे कि जब हम पढेंगे तभी यहाँ तक पहुंचेंगे। इस सोच के साथ बच्चों को आमंत्रित किया जाता है। 
उन्होंने कहा कि जब बच्चे दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल पाने वालों को देखतें है तो उनमें उन जैसा बनने की चाहत होती है। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण शत प्रतिशत हो इसके लिए गाँव में जाकर ग्रामीणों को प्रेरित करना चाहिए। समाज के साथ निरंतर विश्वविद्यालय का संपर्क बना रहना चाहिए। उन्होंने भाषण के अंत में विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में ऐसा काम करें जिससे कि आपको आने वाली पीढ़ी याद करे। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी समस्याओं का विकास हम स्वयं करें तभी सम्पूर्ण देश का विकास होगा।   
दीक्षांत उद्बोधन में मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत ने कहा कि ज्ञान से पवित्र कुछ नहीं है। शिक्षा चरित्र निर्माण के लिए होनी चाहिए।  इसका विश्लेषण करिए की आप ने व्यक्तित्व विकास के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि शिक्षा अध्ययन, मनन, चिंतन और उपयोग के लिए होनी चाहिए। हमें देश, परम्परा और ज्ञान की शक्ति को पहचानना होगा। उनका मानना है कि शिक्षा जीवनपर्यंत सीखने की बात है। समय बदल रहा है, पहले विज्ञान पर बात होती थी फिर विज्ञान, तकनीक और अब तकनीक और संचार की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्व में वही देश आगे जाएगा जिसके पास बौद्धिक संपदा होगी। शिक्षक बनने जा रहे लोग यह समझें की आप भविष्य के निर्माता हैं। आपकी शिक्षा देश की प्रगति में योगदान देने वाली हो।  विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० निर्मला एस० मौर्य ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में असीम उत्साह एवं क्षमता है। उन्हें जीवन के प्रति आधुनिक विचारों के साथ नये-नये तकनीकी, आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों से प्रशिक्षित करने की जरूरत है ताकि वे जीवन की ऊँचाइयों पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि नारी को स्वावलम्बी, सशक्त, आत्मनिर्भर एंव जागरूक बनाने के दिशा में विश्वविद्यालय स्तर पर भी प्रयास किये जाएँ, इस दिशा में लगातार विश्वविद्यालय, महिला अध्ययन केन्द्र के माध्यम से प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसएस, महिला अध्ययन केन्द्र, मिशन शक्ति, कौशल विकास केन्द्र एवं रोवर्स रेंजर्स जैसी गतिविधियों में विश्वविद्यालय का राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को भी बताया। 
दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद् एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ. मनोज मिश्र  ने किया।
 
इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, डा.  विजय सिंह, डा. राहुल सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. रामनारायण, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. बीडी शर्मा, डा. केएस तोमर, लक्ष्मी मौर्य, उपकुलसचिव वीरेंद्र मौर्य, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, बबिता सिंह, दीपक सिंह, डा. संदीप सिंह, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनीष गुप्ता, एनएसएस समन्वयक डा. राकेश यादव, रोवर्स रेंजर्स डा. जगदेव, डा. विजय तिवारी, डा. संतोष कुमार,. डा. रजनीश भास्कर, डा. रशिकेस, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह. डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, अन्नु त्यागी, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. चंदन सिंह, डा. मनोज पांडेय, डा. आशुतोष सिंह, डा. अमित वत्स, रामजी सिंह, स्वतंत्र कुमार, डा. पीके कौशिक, सुशील प्रजापति, श्याम श्रीवास्तव, राजेश जैन, हेमंत श्रीवास्तव आदि शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे। 
विश्वविद्यालय के २५वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका का विमोचन राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की गतिविधियां स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित किया गया है। विमोचन अवसर पर  सम्पादन मण्डल में डॉ. मनोज मिश्र, प्रो. अजय द्विवेदी,  डॉ० दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ० सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डॉ० मिथिलेश कुमार यादव मंच पर रहें। 
 51 बच्चों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले 51 बच्चों को स्कूल बैग, फल, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया। इस बच्चों को एनएसएस के समन्वयक डा. राकेश यादव स्कूल के प्राध्यपकों के साथ लेकर आए थे। 
 शाकम्बरी को मिला अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक 
विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी को अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक  दिया जाता है.  वर्ष 2021 में एम०ए० जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने पर शाकम्बरी नंदन सोंथालिया को यह पदक मिला।. 
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर दो मिनट का शोक
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन पर शुक्रवार को दीक्षांत समारोह में शोकसभा का आयोजन किया गया। सीडीएस बिपिन रावत का तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे जिसमें 13 लोग की मौत हो गई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि यह‌ घटना बहुत ही दुखद है। श्री रावत पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे वह थल सेना के 27 में चीफ रहे। दीक्षांत समारोह में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। 
 64 मेधावियों को स्वर्ण पदक
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 64 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 65 स्वर्ण पदक प्रदान किया।
स्नातक में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) में शशांक सिंह, बीटेक (इलेक्ट्रिकल) में हरिकेश्वर प्रजापति, बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी) में राहुल पटेल, बीटेक (सूचना प्रौद्योगिकी) में ऐश्वर्या सिंह, बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग) में महिमा, बीटेक(कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) में श्रेया गुप्ता, बी फार्मा में आकांक्षा दुबे, बी.ए. में दीक्षा यादव, बी.एस.सी. में कु. अक्षिता यादव, बी.कॉम. में कुशाग्र सिंह, बी.एससी. (कृषि) में दीपा विश्वकर्मा, बी.पी.ई. में श्वेता सिंह, बी.एड. में पूजा मिश्रा, एल.एल.बी. में नवीन कुमार लाल, बी.सी.ए. में चंद्रेश विश्वकर्मा, बी.बी.ए. में हीना गुप्ता, बी.ए.एम.एस. में निक्की सोनी, बी.यू.एम.एस. में मोहम्मद नबील निज़ाम
 
स्नातकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी
एम.सी.ए. में अंजलि सिंह चौहान, एम.बी.ए. (ई-कॉमर्स) में साक्षी साहू, एम.बी.ए. में  स्वप्निका राय, एम.बी.ए. (कृषि-व्यवसाय) में शशि राज, एम.बी.ए. (बिजनेस इकोनॉमिक्स) में काजल सिंह, एम.बी.ए. (वित्त और नियंत्रण) में सागर कुमार शुक्ला, एम.बी.ए. (एचआरडी) में शिवांगी सिंह, एम.एस.सी. (जैव प्रौद्योगिकी) में अमीना नाज़ एम.एस.सी. (सूक्ष्म जीव विज्ञान) में तज़ीम ज़हरा, एम.एस.सी. (जैव रसायन) में कुंजलता प्रजापति, एम.एस.सी. (पर्यावरण विज्ञान) में सैयद मोहम्मद हैदर, एम.एस.सी.(रसायन विज्ञान)में नीलेश यादव, एम.एस.सी. (पृथ्वी और ग्रह विज्ञान अनुप्रयुक्त भूविज्ञान) में अंजू यादव, एम.एस.सी./एम.ए. (गणित) में बिपिन कुमार, एम.एस.सी.(भौतिक विज्ञान) में कायनात फातिमा, एम.ए.(एप्लाइड साइकोलॉजी) में आकांक्षा सिंह, एम.ए.(मास कम्युनिकेशन) में शाकंभरी नंदन सोनथालिया एम.ए. (मास कम्युनिकेशन) में शाकंभरी नंदन सोनथालिया (अतुल माहेश्वरी गोल्ड मेडल), एम.ए.(शारीरिक शिक्षा) में सोमा कुशवाहा, प्राचीन इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति में विकास मौर्य, रक्षा और सामरिक अध्ययन में प्रिया सिंह, अर्थशास्त्र में सलोनी चौरसिया, शिक्षा में वैशाली सिंह, अंग्रेज़ी में अनिल कुमार राय, भूगोल में कु0 ज्योति वर्मा, हिंदी में कु0 सोनी सिंह, संगीत (सितार) में वर्षा श्रीवास्तव, गृह विज्ञान (खाद्य पोषण) में अर्चिता चौबे, गृह विज्ञान (मानव विकास) में आरती प्रजापति, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में पारो यादव, दर्शन में रश्मि सिंह, दर्शन में विनय कुमार, राजनीति विज्ञान में अंकुश यादव, संस्कृत में प्रियंका यादव, समाज शास्त्र में सोनम राय, उर्दू में नेहा फातमा, अरबी में सहला तबस्सुम, मनोविज्ञान में कुमारी सुनीता चौहान, एम.एड. में प्रज्ञा सिंह, एम.कॉम. में स्वच्छा सिंह, वनस्पति विज्ञान में निधि यादव, रसायन शास्त्र में ज्योतिका पांडेय, औद्योगिक रसायन विज्ञान में किशन शुक्ला, गणित में सत्य प्रकाश गुप्ता, भौतिक विज्ञान में पूजा यादव, प्राणि विज्ञान में संध्या मौर्य एवं विनीता सिंह पटेल।
96 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि 
दीक्षांत समरोह में विभिन्न संकायों के 96 शोधार्थियों को  पीएच. डी. की उपाधि प्रदान की गई। इसमें कला संकाय के 64  विज्ञान संकाय के 09 शिक्षा संकाय के 13 कृषि संकाय के 02 विधि संकाय के 05, वाणिज्य संकाय के 02 तथा इंजीनियरिंग संकाय के एक शोधार्थियों को उपाधि मिली। इंजीनियरिंग संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. अशोक श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रो. दीपक पठानिया को डी.एससी. की उपाधि दी गई। 

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