सत्य परेशान हो सकता है, मगर पराजित नहींः सन्त लाल जायसवाल


जौनपुर। जनपद के वरिष्ठ समाजसेवी एवं आबकारी प्रतिष्ठान के संचालक सन्त लाल जायसवाल को उच्च न्यायालय लखनऊ से जमानत मिल गयी जिसकी जानकारी होने पर उनके शुभचिन्तकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। मालूम हो कि श्री जायसवाल शराब फैक्ट्री सहारनपुर के टपरी प्रकरण में वांछित चल रहे थे जिसके बाबत उन्होंने बीते 13 अक्टूबर को एसआईटी के समक्ष लखनऊ में आत्मसमर्पण कर दिया था। उच्च न्यायालय बेंच (एसआईटी स्पेशल कोर्ट) द्वारा पूरे प्रकरण की विवेचना की गयी जिसमें जौनपुर के बड़े शराब कारोबारी व थोक विक्रेता श्री जायसवाल पर कुछ पुख्ता सबूत न मिलने पर उच्च न्यायालय ने श्री जायसवाल द्वारा दी गयी प्रार्थना पत्र पर जमानत दे दिया। जमानत मंजूरी पर उनके शुभचिन्तकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। बता दें कि श्री जायसवाल पूर्वांचल में अपनी एक अलग व अमिट छाप के रूप में जाने जाते हैं जो विगत 35 वर्षों से आबकारी प्रतिष्ठान व थोक विक्रेता के रूप में कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं, एक समाजसेवी के रूप में श्री जायसवाल विभिन्न धार्मिक, सामाजिक आदि कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। हर धर्म, जाति, वर्ग आदि के साथ उनका दुख-सुख का साथ है। इस बाबत पूछे जाने पर श्री जायसवाल ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता है। किसी भी लड़ाई में अंततः सत्य की ही जीत होती है। लोगों के प्यार, सहयोग, स्नेह, आशीर्वाद की देन है कि आज पुनः अपने लोगों के बीच में आ गया हूं। फिलहाल न्यायालय का सम्मान करता हूं।

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