हम क्या जानें स्मार्ट सिटी, आप देख लीजिए मोहल्ले की हालत,प्रयागराज में एलनगंज के निवासी का दर्द

हम क्या जानें स्मार्ट सिटी, आप देख लीजिए मोहल्ले की हालत,प्रयागराज में एलनगंज के निवासी का दर्द

प्रयागराज। चौड़ी सड़कें, पक्की गलियां, नाले नालियों में पानी की सुचारू निकासी और बच्चों के खेलने के लिए किसी अच्छे सार्वजनिक पार्क की अपेक्षा हर कोई करता है। यही अपेक्षा एलनगंज वासियों की भी है लेकिन इन सुविधाओं को पाना उनके लिए सपने पूरा होने जैसा है। रामप्रिया रोड चौराहे से एलनगंज में प्रवेश और इसके बाद शीतला माता मंदिर व रेलवे फाटक तक जगह-जगह कूड़े के अंबार और सड़क पर बहता नालियों का पानी पहली नजर में ही बताता है कि वार्ड 35 एलनगंज के निवासी किस हालात में रह रहे हैं। अंग्रेजों के बसाए इस बड़े और पाश इलाके में आम जनता ही नहीं, उन तक सुविधाओं के पहुंचने का प्रमुख माध्यम यानी क्षेत्रीय पार्षद तक दुखी है। स्पष्ट है कि जब पार्षद ही निरीह हो तो स्मार्ट सिटी में रहने की तमन्ना वहां के वासियों की कैसे पूरी हो पाएगी।

ओवर फ्लो हो जाता है सीवर

गली देख लीजिए, हम क्या बताएं सब कुछ सामने है।नाला जाम होने के बिना ही सीवर ओवर फ्लो हो जाता है। शिकायत करते-करते अब तो कहना ही छोड़ दिया।
अशोक अग्रवाल, राशन विक्रेता

खराब हो चुके हैं रास्ते

स्ट्रीट लाइट नहीं जलती, सड़क के बीचोबीच सीवर लाइन जाने से रास्ते खराब हो चुके हैं। कुछ रास्तों पर तो गाड़ियां चलाते समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि जनता की समस्या का समाधान करें।
अभय राज

थोड़ा है थोड़े की जरूरत है

फिलहाल तो बिजली ठीक मिल रही है, नलों में पानी भी समय से आ रहा है। नाले नाली जाम की समस्या और कूड़ा उठाए जाने को लेकर थोड़ी सक्रियता बरती जाए तो हालात में सुधार हो सकता है।

एमएन वर्मा, चिकित्सक

होना चाहिए सामूहिक विकास

हम जहां रहते हैं वहां आस पड़ोस के लोगों ने तो बिजली, पानी, साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करा रखी है। किसी प्रकार की समस्या नहीं है लेकिन इलाके का सामूहिक विकास होना चाहिए। पार्षद को इसके लिए प्रयास करना होगा।
सुमनलता वार्षणेय, गृहणीं

केवल झंडा फहराने आते हैं विधायक जी

शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेई कभी आते हैं आप लोगों की मुसीबतों को जानने के लिए ? यह सवाल करते ही टका का जवाब मिला, हां आते हैं विधायक जी झंडा फहराने के लिए। इसके अलावा तो नहीं आते। स्थानीय लोगों का आक्रोश है कि बड़े जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के नागरिकों को सियासी चश्मे से देखते हैं।

कहते हैं पार्षद

नगर निगम दोहरी नीति से चल रहा है। हमारे क्षेत्र का सारा बजट दूसरी विधानसभा में झोंक दिया जा रहा है, दर्जनों गलियां ऐसी हैं जो देश को आजादी मिलने के बाद से अब तक पक्की नहीं हो सकीं। जितना हो पा रहा है जनता को मूलभूत सुविधाएं दिला पा रहे हैं। बिजली, पानी की सप्लाई ठीक है। नाले नालियां जाम हैं और कूड़ा नहीं उठता तो लोगों की यह परेशानी वाकई है। वजह है कि नगर निगम में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।


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