रैन बसेरा बना शो पीस, राहगीर हलाकान व जिम्मेदार उदासीन


खेतासराय, जौनपुर। पूस की ठण्ड दिमाग मे आते ही लोग ठिठुर जाते है। लगातार पड़ रहे कुहासे भरी ठण्ड में राहगीर ठिठुर जा रहे है। सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था के बजाए इतिश्री किया गया है। वहीं ठण्ड शुरू होते ही नगर पंचायत के तरफ से रैन बसेरा बनाया जाता है, ताकि दूर-दराज से आने वाले यात्री व राहगीर ठण्ड से बचने के लिए उसकी शरण में जाकर आराम से रात बिता सके और ठण्ड न लगे। खेतासराय मुख्य चौराहे समीप स्थित हनुमान मंदिर के पास रैन बसेरा बनाया जाता रहा लेकिन इस बार उसी मार्ग पर स्थित डा. भीम राम अंबडेकर प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में बनाया गया जिसमें दिन भर ताला लटकता रहता है। यदि इस इलाके में नए या पहली बार कोई आया है और रैन बसेरा की तलाश कर रहा है तो भटकते रह जायेगा। किसी तरह जानकारी हो भी जाती है तो विद्यालय के मुख्य गेट पर ताला लटके देख जिम्मेदारों को कोसते हुए वापस लौट जायेगा। रैन बसेरा ऐसे जगह बना है जिसको यात्री और राहगीर तो दूर, नगर के प्रबुद्धजन भी इससे अनभिज्ञ हैं। इस तरह नगर पंचायत खेतासराय के जिम्मेदारान जो बैठे हैं, उनको उच्चाधिकारियों को भय नहीं रहता है। दरअसल इसका मुख्य कारण है ऊपर के अधिकारियों को इन लापरवाह लोगों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करना है? अगर कार्यवाही होता तो मजाल नहीं कि अधिकारी व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति करता। नगर पंचायत का इलाका कस्बा के लगभग चारों तरफ एक-एक किलोमीटर दूरी में फैला हुआ है। नगर का यह इकलौता रैन बसेरा है जो महज खानापूर्ति किया गया है। व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। जिम्मेदार अपने घरों में गर्म हीटर का आनंद ले रहे है। यहाँ पर राहगीरों के रहने का कोई उचित इंतजाम नहीं है। ठण्ड के मौसम में कुहासे से चलते रात का पारा लगातार गिरता जा रहा है। ठण्डी हवाओं ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया। कड़ाके की ठण्ड में लोग ठिठुर जा रहे हैं जिससे सबसे अधिक परेशानी राहगीरों को होती है। राहगीर यात्रा के दौरान ठण्ड में परेशान हो रहे हैं। उनको ठण्ड से बचाव के लिए अलाव की भी कोई व्यवस्था नगरीय इलाके में नहीं है। इससे राहगीर ठण्ड से ठिठुर कर अपना समय काटते नजर आ रहे हैं। खेतासराय में राहगीरों को ठण्ड से बचाव के लिए स्थानीय नगर पंचायत द्वारा रैन बसेरा बनाया गया। इसकी उपयोगिता भी सार्थक नहीं सिद्ध हो पा रही है। ऐसे हाल में रैन बसेरा निरर्थक साबित हो रहा है। नगर पंचायत की उदासीनता व गैर जिम्मेदारना रवैया के चलते राहगीरों को ठण्ड में रात गुजरना पड़ रहा है। अन्य नगरीय इलाकों में तो यह भी व्यवस्था नहीं है। ठण्ड से बचाव की जिम्मेदारी निभाने वाले अपने कर्तव्य से विमुख बैठे हुए हैं। तस्वीरों से साफ लग रहा है कि देख-रेख के लिए लगा कर्मचारी नदारत है और रैन बसेरा के मुख्य गेट पर ताला लटका रहा है। इस सम्बन्ध में अधिशाषी अधिकारी अमित यादव से पूछे जाने पर बताया कि रैन बसेरा बना है। राहगीरों के लिए उचित प्रबंध है, देख-रेख के लिए कर्मचारी भी नियुक्त है। यह बात जिम्मेदार अधिकारी की हकीकत से कोसों दूर नजर आती है।

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