‘तलब के सौ शेर’ पुस्तक का हुआ लोकार्पण


जौनपुर। साहित्यिक संस्था गुफ्तगू द्वारा वरिष्ठ गजलकार रामतलब जौनपुरी की नई पुस्तक ‘तलब जौनपुरी के सौ शे’र का विमोचन हुआ जहां मुशायरा का आयोजन भी हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फिल्म गीतकार इब्राहिम अश्क एवं विशिष्ट अतिथि उर्दू आलोचक प्रोफेसर ए. फातमी एवं नौशाद खान रहे। इस मौक पर श्री अश्क ने कहा कि तलब की शायरी में गंगा जमुनी तहजीब रची-बसी हुई है जो देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने का फर्ज अदा करती है। अध्यक्षता करते हुए इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा किी तलब की शायरी तीरगी को दूर करने की प्रेरणा देती है। गजलकार शांत जौनपुरी ने कहा कि तलब जी की शायरी विसंगतियों पर चोट करती है। हर हाल में मंजिल की ओर बढ़ने को प्रेरित करती है। साथ ही इंसानियत को कायम रखने का मिसाल भी है। इश्क सुल्तानपुरी ने तलब के शेर को सराहा। मुशायरे में अनिल मानव, राजीव नसीब, नीना मोहन श्रीवास्तव सहित तमाम लोगों ने अपने कलाम पेश कर खूब वाहवाही लूटी। कार्यकम का संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।

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