निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन हुई आकर्षक सेवादल रैली


समर्पण से युक्त एवं अहम भाव से मुक्त ही वास्तविक भक्तिः सद्गुरू माता
जौनपुर। समर्पित एवं निष्काम भाव से युक्त होकर ईश्वर के प्रति अपना प्रेम प्रकट करने का माध्यम ही भक्ति है। उक्त बातें महाराष्ट्र में आयोजित तीन दिवसीय 55वें वार्षिक निरंकारी संत समागम समारोह के दूसरे दिन सतगुरू माता सुदीक्षा ने कही। यह जानकारी स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है। उन्होंने आगे बताया कि भक्ति की परिभाषा को बताते हुए सद्गुरु माता ने कहा कि भक्ति कोई दिखावा नहीं। यह तो ईश्वर के प्रति अपना स्नेह प्रकट करने का एक माध्यम है जिसमें भक्त अपनी कला जैसे गीत, नित्य एवं कविता के माध्यम से अपने प्रभु को रिझाने के लिए सदैव ही तत्पर रहता है। बता दें कि समागम के दूसरे दिन का शुभारंभ आकर्षक सेवादल रैली से हुआ जिसमें महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों से आये कुछ सेवादल भाई-बहनों ने भाग लिया। रैली में सेवादल स्वयंसेवकों ने जहां पीटी परेड, शारीरिक व्यायाम के अतिरिक्त मानवी पिरामिड, रस्सी कूद जैसे विभिन्न करतब, खेल प्रस्तुत किये, वहीं मिशन की विचारधारा और सतगुरु की शिक्षा पर आधारित लघुनाटिकायें प्रस्तुत हुईं।

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