वेतनभोगी व मध्यम वर्ग के साथ धोखाः राजन तिवारी


जौनपुर। देश के वेतनभोगी वर्ग और मध्य वर्ग को राहत नहीं देकर उनके साथ ‘विश्वासघात’ किया है। बजट में आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। भारत का वेतनभोगी सहित मध्यम वर्ग महामारी, वेतन में चौतरफा कटौती और कमरतोड़ महंगाई के इस दौर में राहत की उम्मीद कर रहा था। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने प्रत्यक्ष कर से संबंधित कदमों से इन वर्गों को बहुत निराश किया है। उक्त बातें राजन तिवारी अधिवक्ता सिविल कोर्ट एवं अध्यक्ष कांग्रेस (विधि विभाग) ने केन्द्र सरकार द्वारा पेश किये गये बजट पर कही। उन्होंने आगे कहा कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टो करेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टो करेंसीश् को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है? यह शुद्ध रूप से एक कार्पोरेट बजट है। इसमें किसानों, बेरोजगारों, गरीबों और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। बजट समाज के किसी भी वर्ग को कोई प्रोत्साहन नहीं देता है। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने या विकास को गति देने का काम छोड़ दिया है, केवल कार्पोरेट्स जगत से जुड़े लोगों को राहत देने का कार्य किया है।

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