विश्व गौरैया दिवस पर कृतिम घरौंदे रखने का संकल्प ले युवा पीढ़ी: डॉ देव

विश्व गौरैया दिवस पर कृतिम घरौंदे रखने का संकल्प ले युवा पीढ़ी: डॉ देव
बीस मार्च 2022 को विश्व गौरैया दिवस का आयोजन  प्राथमिक शिक्षक संघ करंजाकला के ब्लॉक उपाध्यक्ष मोहम्मद इमरान अली के कटघरा स्थित आवास पर बैठक आहूत हुई। बैठक में ख्यातिलब्ध प्राणि वैज्ञानिक डॉ देव ब्रत मिश्रा,डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह तिलक धारी महाविद्यालय जौनपुर, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन जौनपुर की जिला महिला उपाध्यक्ष , पर्यावरण के प्रति सजग प्रहरी,ख्याति लब्ध शिक्षक निशा मिश्रा, कला के माध्यम से जागरूक करती शिक्षक शिप्रा सिंह,विभागाध्यक्ष प्राणि विज्ञान कुँवर डॉ दिलीप सिंह, जमुहाई महाविद्यालय, समाजसेवी विजय त्रिपाठी,प्राथमिक विद्यालय बिछलापुर की शिक्षक प्रीति ,एवम मोहम्मद मोनू आदि उपस्थित रहे। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे प्राणि वैज्ञानिक डॉ देव ब्रत मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष की विश्व गौरैया दिवस का मुख्य थीम आई लव स्पैरो है। जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं का प्रकृति के प्रति उत्साह एवम गौरैया के प्रति सरंक्षण के लिये प्रोत्साहित करना है। आज मानव समाज के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है कि हमारी अनभिज्ञता, अप्राकृतिक होने की वजह से गौरैया विलुप्त होने के कगार पर है। इसके जिम्मेदारी हम सब को लेनी होगी, हमे जैवविविधता, प्राकृतिक सरंक्षण को बचाने की सामुहिक जिम्मेवारी लेनी है। जिससे हम प्रकृति के साथ साथ गौरैया एवम अन्य पशु पक्षियों को सरंक्षित कर सके। प्रत्येक मानव की जिम्मेदारी हैं कि विश्व गौरैया दिवस पर इसके सरंक्षण का  हमारा कर्तव्य होना चाहिए ।आज हम सभी संकल्प ले हमको अपने अपने घरों में कृतिम घरौंदा रखना हैं। जिससे हमें वही गौरैया की चहचहाहट सुनाई दे। डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि गौरैया सरंक्षण को हमे हर हाल में बनाये रखना है जिससे गौरैया इतिहास न बनने पावे,गौरैया का विलुप्त होना ,पारिस्थितिकी तंत्र में भोज्य पदार्थों की कमी मानव के साथ ही पृथ्वी पर भी संकट बढ़ रहा है। मोहम्मद इमरान ने अपने संबोधन में बताया कि हमे पुनः अपनी संस्कृति में वापस आना होगा ,इस वैश्वीकरण में हमे प्राकृतिक दोहन को बचाने के लिए आगे आना होगा ,प्रकृति के प्रति सजग होना है तभी गौरैया के साथ साथ मानव सुरक्षित एवम सरंक्षित रह पाएगा, डॉ दिलीप सिंह ने बताया कि आज गौरैया रेड लिस्ट में आ गयी है। लगभग साठ से अस्सी प्रतिशत प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है।हमे इसे रोकना होगा। शिप्रा सिंह ने चित्रों के माध्यम से गौरैया को संरक्षित करने का संदेश दिया। आयोजन के अंत मे निशा मिश्रा ने कहा कि हम सभी को प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेने की आवश्यकता है अभी हम वैश्विक महामारी से उबरे नही है। वैश्विक महामारी प्राकृतिक दोहन का परिणाम है। हम सभी संकल्पित हो गौरैया को बचाने के लिए ,छत पर दाना, पानी ,पेड़ पौधे रोपे, एवम स्वयं भी जागरूक रहे एवम दुसरो को भी जागरूक करे, तभी गौरैया का संरक्षण हो पाएगा।

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