स्थानान्तरित कर्मचारी नेताओं ने लिया चार्ज

स्थानान्तरित कर्मचारी नेताओं ने लिया चार्ज
कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने दी आन्दोलन की चेतावनी
दोनों पक्षों ने कुलपति को ज्ञापन देकर की कार्यवाही की मांग
सिद्दीकपुर, जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कर्मचारी नेता आपस में दो गुटों में बंट गये जहां तनाव बना हुआ है। इसके पीछे का मामला दो कर्मचारी नेताओं के स्थानांतरण का है। दोनों कर्मचारी नेता ने विभागीय दबाव के चलते स्थानांतरण के बाद कार्यभार ग्रहण कर लिया। इधर कर्मचारी के दो गुटों में एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू आंदोलन के लिए चेतावनी भी दिया। बता दें कि पूविवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामजी सिंह व कार्यवाहक महामंत्री केशव यादव का स्थानांतरण प्रशासनिक भवन से परिसर पाठ्यक्रमों के विभागों में हो गया जिससे लेकर कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए विगत दिनों कुलसचिव कार्यालय में आक्रोश व्यक्त किया था। उक्त आक्रोश हंगामे को लेकर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष श्रीनाथ यादव के नेतृत्व में कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य को ज्ञापन देते हुए आरोप लगाया कि कुलसचिव कार्यालय में कर्मचारी नेता राधेश्याम सिंह द्वारा संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया जो बहुत निन्दनीय है। कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने राधेश्याम सिंह के ऊपर एक सप्ताह में कार्यवाही करने की मांग करते हुये कहा कि अगर कार्यवाही नहीं की जाती है तो हम लोग किसी भी तरह के आंदोलन को बाध्य होंगे। श्रीनाथ ने कहा कि स्थानांतरण व्यवस्था सबके ऊपर लागू होती है। स्थानांतरित कर्मचारी को मिले दायित्वों का निर्वहन करना चाहिये जिसके जवाब में कर्मचारी संघ की ओर से कर्मचारी नेता राधेश्याम सिंह ने कुलपति को ज्ञापन देते हुए कहा कि तथाकथित कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी जो आरोप लगा रहे हैं, वह टोटल गलत है, क्योंकि उस समय कुलसचिव कक्ष यह सब मौजूद नहीं थे। आरोप लगाया है कि संघर्ष मोर्चा किसी राजनैतिक पार्टी से जुड़े रंगों से लेटर पैड का विश्वविद्यालय में प्रयोग कर रहे हैं जो नियम विरुद्ध है और कर्मचारी संघर्ष मोर्चा पर लगाये गये आरोपों का प्रमाण दें। ऐसे में सक्षम नहीं हो तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करायी जाय। इस बारे में कर्मचारी दो गुटों में बंटते नजर आये और एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कर्मचारियों में तनाव बना है। एक-दूसरे को देख लेने की भी धमकी दी गयी। उधर स्थानांतरित कर्मचारी नेता रामजी सिंह व केशव यादव ने विभागीय दबाव के चलते विभाग में जाकर कार्यभार ग्रहण कर लिये हैं। विश्वविद्यालय अधिकारियों को अवगत भी करा दिया है। मामले को लेकर विश्वविद्यालय में चर्चाओं का बाजार भी गर्म है।

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