नेहरू परिवार के साये से बाहर निकले कांग्रेस , वरना ख़त्म हो जाएगा वजूद

नेहरू परिवार के साये से बाहर निकले कांग्रेस , वरना ख़त्म हो जाएगा वजूद
जौनपुर । पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव नतीजों में मिली शर्मनाक हार के बाद अब जरूरत है कि कांग्रेस नेहरू परिवार के साये से बाहर निकले और समूह-23  के सुझावों के तहत आगे बढ़े । यह कहना है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य विधान परिषद के पूर्व सदस्य सिराज मेंहदी का जो पार्टी की मुसलसल घटती लोकप्रियता से काफी आहत हैं । उनका यह भी कहना है कि पार्टी कि सर्वोच्च अधिकार प्राप्त कमेटी चापलूसों की जमात बन कर रह गई जहां बैठे नेता शीर्ष नेतृत्व को आईना दिखाने की बजाय उसे गुमराह करने का किरदार निभा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में श्रीमती प्रिंयका गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया , चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन से लेकर प्रचार की सम्पूर्ण जिम्मेदारी वह स्वयं निभा रही थी ऐसे में चुनाव में शर्मनाक नतीजों की जिम्मेदारी भी नैतिक रूप से लेते हुए उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चहिये । श्री मेंहदी ने कहाकि चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए सी डब्लू सी की आहूत बैठक में चमचो और चापलूसों ने जिस तरह भूमिका निभाई वह निंदनीय है , उन्होंने यह भी कहा कि आज सांप्रदायिक और जातिवादी ताकतों से लड़ने के लिए नेहरू परिवार का मोह त्याग कर पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की जरूरत है । उन्होंने समूह 23 के नेताओं से आग्रह किया कि पार्टी को बचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाए और एक स्वर में नेहरू परिवार से पद छोड़ने की मांग करे । उन्होंने कहा कि पार्टी के आमजनों और कतिपय चापलूस नेताओं को यह समझना होगा कि गर कांग्रेस का वजूद समाप्त हो गया तो उनका भी कोई वजूद नहीं रहेगा ।

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