बाल विवाह है कानूनी अपराध, वयस्क होने पर ही करें शादी 1 से 7 मई तक चलेगा बाल विवाह रोकने का अभियान




जौनपुर। बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में मिशन शक्ति अभियान 4.0 के तहत एक विशेष अभियान चलेगा। इसके तहत अक्षय तृतीया पर 1 से 7 मई तक विशेष अभियान चलाया जायेगा। अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय धर्मापुर में बालिकाओं ने एक रैली निकाली। इसके माध्यम से बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के बारे में लोगों को जानकारी देते हुये बताया गया कि बालिकाओं का विवाह वयस्क होने के बाद ही किया जाना चाहिए। बाल विवाह एक कानूनी अपराध है। महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के विशेष प्रावधानों के बारे में बताया। साथ ही बताया कि बालक/बालिका का विवाह कम उम्र में होने पर धारा-3 के अंतर्गत विवाह के दो वर्ष के अंदर याचिका दायर करने पर वह विवाह अमान्य घोषित किया जा सकता है। छोटी उम्र में शादी करने से बच्चियों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास प्रभावित होता है। ऐसी बालिकाएं अपना भविष्य नहीं बना पाती हैं। महिला शक्ति केंद्र की जिला समन्वयक बबीता ने महिला कल्याण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के बारे में जानकारी देते हुये उन्होंने बालिकाओं व महिलाओं की सुरक्षा के लिए टोल फ्री नंबर 181, 1090, 112 के बारे में भी बताया। इस मौके पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की बालिकाओं ने बाल विवाह निषेध पर एक लघु नाटिका प्रस्तुत की। इसके माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है। इससे बच्चों को कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। इस दौरान बच्चों ने ’’जन-जन की है यही पुकार, शिक्षा है मेरा अधिकार’’, ’’पहले मुझको पढ़ने दो, सपने अपने पूरे करने दो’’ आदि नारे लगाये।

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