अंतराष्ट्रीय क़ुद्स दिवस पर धर्मगुरु मौलाना सफ़दर ने अमेरिका और इज़राइल को बताया आतंकवादियों का मददगार


अंतराष्ट्रीय क़ुद्स दिवस पर धर्मगुरु मौलाना सफ़दर ने अमेरिका और इज़राइल को बताया आतंकवादियों का मददगार

जौनपुर । रमज़ान के आखिरी जुमा को अंतराष्ट्रीय क़ुद्स दिवस के रूप में मनाया गया । इस मौके पर धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी ने फिलिस्तीनी मजलूमों की हिमायत और इजराइली आतंकवाद के खिलाफ बयान देते हुए कहा कि इजराइल का इस समय सबसे बड़ा मददगार अमरीका है, पूरी दुनिया में अमरीका और इजराइल ही आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं । इजराइल अमरीका की मदद से फिलिस्तीनी अवाम का कत्ले आम कर रहा है । मौलाना सफ़दर ने कहा कि रहबरे इन्किलाबे इस्लामी इमाम खुमैनी रहमतुल्लाह ने रमज़ान के आखिरी जुमे को कुद्स दिवस घोषित किया था, इस दिन पूरी दुनिया में इजराइल के जुल्म और बर्बरता और नाजाएज़ कब्जों के खिलाफ एहतेजाज करने का एलान किया था। लेकिन अफसोस की बात ये है कि बहुत से अरब देश जो इस समय अमरीका के गुलाम बने हुए हैं इसका बायकॉट करते हैं और इस सिलसिले में इनकी तरफ से कोई एहतेजाज नहीं होता है।

मौलाना ने कहा कि येरुशलम को इजराइल की राजधानी बनाने में लगभग 35 अरब देशो का हाथ है जिसमें सऊदी अरब सबसे ऊपर है जिसकी निंदा होनी चाहिए। मौलाना ने अपने बयान में कहा कि पूरी दुनिया में मुसलमानो पर अत्यचार हो रहे है मगर यह अरब देश उनके खिलाफ और मुसलमानों की हिमायत में नहीं बोलते । जितने भी अरब देश है वह सब अमरीका और इजराइल से मिले हुए हैं और उनकी जबान पर एक शब्द भी अमरीका और इजराइल के खिलाफ नहीं आता है , मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को जागरूक होना चाहिए और फिलिस्तीनियों की हिमायत में, मुसलमानों के नरसंहार और इज़राईली बर्बता के खिलाफ बडे़ पैमाने पर एहतेजाज करना चाहिए ।

मौलाना ने कहा कि कुदस दिवस की एहमियत और भावना को समझा जाना चाहिए और इस आंदोलन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कुदस दिवस को सालाना रस्मी तौर पर ना मनाया जाये बल्कि एक तहरीक की तरह मनाया जाये।

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