समाज से ठुकराये रोगियों को समर्पित भाव से सेवा कर रही दिव्य प्रेम सेवा मिशनः भइया जी


जौनपुर। कुष्ठ रोग से पीड़ित मरीजों को समाज में फैली गलत अवधारणाओं और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। आज के अत्याधुनिक दौर में भी हमारे समाज में एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो छुआछूत और भेदभाव से दो-चार होता है। ऐसे ही पीड़ितों और वंचितों के लिए दिव्य प्रेम सेवा मिशन पिछले 25 सालों से काम कर रहा है। कुष्ठ रोगियों का सरकारी और प्राइवेट अस्पताल इलाज नहीं करना चाहते। कुष्ठ रोगियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए और उनकी तमाम समस्याओं को देखते हुए 25 साल पहले हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन की स्थापना हुई। आज भी मिशन न केवल कुष्ठ रोगियों की देखभाल कर रहा है, बल्कि उन्हें नया जीवन देने का काम कर रहा है। यह उक्त बातें दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक एवं प्रमुख डा. आशीष गौतम भइया जी ने कही। उन्होंने बताया कि मिशन की सेवा संस्कृति के मूल में सर्वे भवन्तु सुखिनः, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से प्रेरित है। अध्यात्म के मार्ग पर चलते हुए दिव्य प्रेम सेवा मिशन की स्थापना की गई जो लोक कल्याण के मार्ग पर निरंतर अग्रसर है। हरिद्वार के चंडी घाट पर स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन देश भर के कुष्ठ रोगियों का इलाज करता है। मूलतः उत्तर प्रदेश के रहने वाले आशीष जी हरिद्वार में धार्मिक कार्यक्रम और पर्यावरण के लिए काम करने आए थे जिसके बाद उन्होंने हरिद्वार की गंगा किनारे बनी झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले कुष्ठ रोगियों की बस्ती देखकर उन लोगों के दर्द को महसूस किया जिसके बाद दिव्य प्रेम सेवा मिशन की शुरुआत हुई। आशीष गौतम ने बताया कि 25 साल पहले एक झोपड़ी से इस मिशन की शुरुआत हुई थी। आज उनके देश भर में लगभग 25 हजार लोग ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस संस्था से जुड़े हैं। देश भर में तमाम शहरों में रहने वाले कुष्ठ रोगियों के लिए यहां पर इलाज की व्यवस्था की जाती है। डा. गौतम का कहना है कि इन लोगों की पीड़ा देखकर किसी का भी मन दर्द से भर जाय, यह लोग ऐसी बीमारी से ग्रसित है जो धीरे-धीरे अंगों को खराब कर देती है। इस बीमारी का भी इलाज है। यह जरूर है कि बीमारी के इलाज में समय जरूर लगता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि उनकी बीमारी के लिए काम करके इनके बच्चों को भी मुख्य धारा से जोड़ा जाय, इसके लिए दिव्य प्रेम सेवा मिशन में ही छोटे बच्चों और बड़े बच्चों का स्कूल चलाया जाता है जहां उन्हें तमाम शिक्षा दीक्षा दी जाती है। उन्होंने बताया कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन आज देश में ही नहीं, बल्कि विश्व में अपना एक अलग स्थान बना चुका है। डा. आशीष ने बताया कि कुष्ठ रोगियों की मरहम पट्टी करने से शुरू होकर आज व्यवस्थित चिकित्सालय और कुष्ठ रोगियों के बच्चों के लिए विद्यालय तथा तीर्थ क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं हेतु निःशुल्क भोजनालय का संचालन मिशन कर रहा है। दिव्य प्रेम सेवा मिशन से ही जुड़े प्रो. डा. नन्द लाल सिंह इस मिशन में बतौर संयोजक काशी अंचल पद पर हैं। उनका कहना है कि इस संस्था से जब से जुड़े हैं तब से उन्होंने कुष्ठ रोगियों की पीड़ा को देखा और जाना। साथ ही संस्था के लोगों को यह अच्छा लगता है कि कुष्ठ रोगियों के बच्चे अब मुख्य धारा से जुड़ने लगे हैं। दिव्य प्रेम सेवा मिशन लगभग 300 से अधिक बच्चों को 12वीं तक की शिक्षा देने के बाद अन्य दूसरे कोर्स भी करवा रहा है। मियांपुर स्थित प्रांगण में जौनपुर इकाई द्वारा आयोजित परिवार मिलन कार्यक्रम में दिव्य प्रेम सेवा मिशन जौनपुर इकाई के संयोजक संजय सिंह, संरक्षक ज्ञान प्रकाश सिंह, पूर्व विधायक डा. हरेन्द्र सिंह, रामेश्वर सिंह, जनार्दन सिंह, डा. अतुल सिंह, सुभाष चंद्र गुप्ता, पवन सिंह, डा. दिलीप जायसवाल, भाजपा नेता नीरज सिंह, पंकज सिंह, सीनिद्ध सिंह, रूद्रसेन सिंह, अनुरुद्ध सिंह, सुशील सिंह, अनिल जायसवाल, विशाल सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, राजेश, अमन श्रीवास्तव संयोजक युवा शक्ति दिव्य प्रेम सेवा मिशन मौजूद रहे। कार्यक्रम उपरांत दिव्य प्रेम सेवा मिशन के जिलाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने सभी लोगों को धन्यवाद देते हुये सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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