निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया


जौनपुर  राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार एवं माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल के निर्देशों एवं अनुमति से कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जौनपुर श्रीमती शिवानी रावत द्वारा 15 जून 2022 को जिला कारागार, जौनपुर का भौतिक रूप से निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
निरीक्षण के दौरान महिला बैरक में महिला बन्दियों की समस्याएं तथा जेल अस्पताल में भर्ती बन्दी मरीजों का हाल-चाल पूछा गया। बन्दियों को विधिक एवं मौलिक अधिकारों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। ऐसे विचाराधीन बन्दी जो अपने वादों में पैरवी हेतु अधिवक्ता करने में अक्षम है तथा ऐसे सिद्धदोष बन्दी जो अपने मामलों में उच्च न्यायालय में अपील करने में अक्षम हों वह कारागार अधीक्षक के माध्यम से अपने प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रस्तुत कर सकते हैं। 
             जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि उपरोक्त प्रकार के प्रकरण संज्ञान में आने पर तुरन्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अवगत कराना सुनिश्चित करें। समयपूर्व रिहाई के पात्र बन्दियों को चिन्हित कर उनके प्रार्थना पत्र तैयार कर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। ‘‘प्ली बारगेनिंग’’ के बारे में बताया गया कि इसके द्वारा दाण्डिक अभियोजन व पीड़ित पक्ष आपसी सामन्जस्य से आपराधिक प्रकरण के निपटारे हेतु न्यायालय के अनुमोदन से एक रास्ता निकालते है। इस सम्बन्ध में प्रावधान दण्ड प्रक्रिया संहिता संशोधन अधिनियम 2/2006 के द्वारा ‘‘प्ली बारगेनिंग’’ शीर्षक से एक नया अध्याय 21ए (धारा 265ए-265एल द0प्र0सं0) के नाम से जोड़ा गया था। इसके तहत अभियुक्त को अपराध की स्वीकृति करने पर हल्के दण्ड से दण्डित किया जाता है जो कि अन्यथा कठोर हो सकता है। ‘‘प्ली बारगेनिंग’’ का लाभ ऐसे अपराधों में लिया जा सकता है जिसमें अधिकतम सजा 07 वर्ष से अधिक न हो, अपराध देश की सामाजिक, आर्थिक स्थिति को प्रभावित न करती हो ऐसे अपराध जो महिलाओं अथवा 14 वर्ष से कम आयु में बच्चों के साथ कारित न किये गये हो।
                 जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जिला कारागार में कुल 1228 बन्दी है, जिनमें 163 पुरूष तथा 02 महिला सिद्धदोष बन्दी हैं तथा 949 पुरूष तथा 55 महिलाएं एवं 28 अल्पवयस्क विचाराधीन बन्दी हैं। कारागार में निरूद्ध महिला बन्दियों के साथ कुल 10 बच्चे हैं। महिला बन्दियों के साथ रह रहे बच्चों के नाश्ता, भोजन आदि की उपलब्धता के सम्बन्ध में पूॅंछे जाने पर महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि बच्चों को समय से नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराया जाता है। जेल अस्पताल के निरीक्षण में साफ-सफाई में कमियों की तरफ इंगित करते हुए साफ-सफाई की व्यवस्था का कड़ाई से पालन करने हेतु जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया। अधीक्षक द्वारा यह भी बताया गया कि बन्दियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हेतु जिला चिकित्सालय से चिकित्सकों की एक टीम का गठन भी किया गया है जिनके द्वारा प्रत्येक बुधवार को बन्दियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
                इस अवसर पर जेल अधीक्षक एस0के0 पाण्डेय, जेलर, कुलदीप सिंह भदौरिया, डिप्टी जेलर, राजकुमार सिंह, चिकित्सा अधिकारी डा0 रविराज, फार्मासिस्ट सतीश कुमार गुप्ता व प्रमोद कुमार मौर्या तथा जेल पी0एल0वी0 गण व अन्य उपस्थित रहे।

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