शव वाहन की प्रतीक्षा में घण्टों भटकते रहते हैं बेबस परिजन


सूचना के बाद कभी मिलता तो कभी नहीं मिलता है वाहन
जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय का शव वाहन अजब-गजब है। बताते चलें कि बीते 17 जून की शाम 6 बजे बदलापुर थाना क्षेत्र के लेदुका बाजार के रमेश चन्द्र अग्रहरी अपनी 82 वर्षीय माँ प्रभावती देवी पत्नी अयोध्या प्रसाद को सांस की परेशानी से ग्रसित होने के कारण जिला अस्पताल के एमरजेन्सी महिला वार्ड के बेड नम्बर 8 पर भर्ती कराये। उनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। कागजी कार्यवाही के उपरांत मृत मां के शव को घर तक ले जाने के लिये उन्होंने शव वाहन चालक के नम्बर पर फोन लगाया जिस पर बताया गया कि मैं शव पहुंचाने आया हूं, इसलिए मैं नहीं आ सकता जबकि पत्रकार के कैमरे में कैद हुई तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अस्पताल के दोनों शव वाहन अस्पताल परिसर में ही मौजूद रही। सवाल यह उठता है कि आखिर शव वाहन चालक ने क्यों झूठ बोला? वहीं इन सभी घटनाक्रम के दौरान सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के शव वाहन को फिर वही तेल न मिलने की कहानी सामने आ रही है जिसके कारण मजबूरी में चालक को ऐन-केन बहाना बनाना पड़ता है। वहीं अस्पताल कर्मियों ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अनिल शर्मा को सूचना दिया जिसके बाद भी एक पुत्र को अपनी वृद्ध मां के शव को घर ले जाने के लिये घण्टों इंतजार करना पड़ा। कुल मिलाकर आखिर इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

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