किसानों से सम्मान निधि की वसूली और माल्या पर मामूली का जुर्माना गलतः आलोक


 किसानों से सम्मान निधि की वसूली और माल्या पर मामूली का जुर्माना गलतः आलोक

जफराबाद, जौनपुर। विजय माल्या जिसने देश का 9000 करोड़ रुपया चुराया है और पिछले 4 वर्षों से देश की कानून व्यवस्था, न्यायालय काफी का मखौल बनाकर रखा है, के ऊपर 2000 रुपये का जुर्माना अपने आपमें दुखद खबर है। इस देश में जेबरा लाइन क्रास कर जाने पर 10000 रुपये का (कहीं-कहीं 25000 रुपये का) हो सकता है परन्तु विजय माल्या जैसे शातिर के ऊपर इतने कम जुर्माने की बात कुछ हजम नहीं हो रही है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के नेता आलोक त्रिपाठी लकी ने प्रेस को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि हजम हो भी तो कैसे? देश जब अपने नागरिकों के कठिन परिश्रम के बल पर स्वयं को उठाने की कोशिश करता है तो इस प्रकार के लोग सरकार को देश को चुना लगाकर रफू-चक्कर हो जाते हैं। वर्तमान में कुछ ऐसे उद्योगपति भी हैं जिनके ऊपर अरबों का कर्ज है जबकि उनकी आय हर 2 वर्ष में दोगुनी हो जा रही है। यदि ये लोग भी भाग गये तो देश के अर्थव्यवस्था की क्या हालत होगी? श्री त्रिपाठी ने कहा कि माना कि ये बड़े व्यापारी हमारे लिए उत्पादन कर रहे हैं। हमारी जनता के लिए नौकरियों के सृजन कर रहे हैं परंतु जब आपकी कमाई बढ़ती जा रही है तो आपका दायित्व है कि आप भी अपने कर्ज को चूकते रहे परंतु यह होता कुछ और है। अन्त में उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि देश में रह रहे ऐसे पूंजीपतियों से सख्ती से कर्ज वसूला जाय जिससे देश का धन देश के काम आये।

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