दुनिया में ऐसा अमल करो कि आखेरत में भी नूर बना रहेः मो. अस्करी


सुल्तानपुर से आये मौलाना ने मजलिस-ए-बरसी में पढ़ी मजलिस
जौनपुर। नगर के बलुआ घाट स्थित मोहम्मद अली खां के इमामबाड़ा में हाजी शेख अनवार हसन की मजलिसे बरसी को खेताब करते हुए सुल्तानपुर से आये मौलाना मोहम्मद अस्करी खां ने कहा कि इंसान को चाहिए कि दुनिया में ऐसा अमल करें कि आखिरत में वह नूर बनकर रहे। रसूले खुदा हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. ने दीने इस्लाम को फैलाने में अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। यहां तक कि उनके दामाद हजरत अली अ.स. सहित उनके परिवार वालों ने इस्लाम को परवान चढ़ाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया पर कभी भी खुदा होने का दावा नहीं किया। मौलाना ने कहा कि मरहूम अनवार हसन हमेशा दीन-ए-इस्लाम का मर्तबा व इसकी रौशनी लोगों तक कैसे पहुंचे, बताने के लिए लगे रहते थे। आज वह हमारे बीच नहीं हैं परंतु उनकी यादों के साथ हम लोग इस्लाम को और बुलंदी तक पहुंचायें, यही उनके लिये सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसके पहले सोजखानी एबाद अली करबलाई कौन सा सहित उनके हमनवा ने किया। नौहाखानी अंजुमन हुसैनिया के नवाज हसन व अदीब ने किया। पेशखानी तनवीर जौनपुरी व सलमान कलपुरी ने किया। इस मौके पर सैकड़ों अजादार मौजूद थे। संचालन नजफ जौनपुरी ने किया। अन्त में मोहम्मद हैदर ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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