बारिश न होने से किसानों में मायूसी



जौनपुर। भीषण गर्मी से जहां जनमानस परेशान हैं, वहीं बारिश न होने से किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। जैसे-जैसे दिन बढ़ते जा रहे हैं, मौसम का मिजाज देख किसान मायूस होते जा रहे हैं। इंद्र देवता की मेहरबानी न होने से धान व गन्ने की खेती पर असर पड़ रहा है।   किसान धान की रोपाई करने के बाद सिचाई नहीं कर पा रहे हैं।
         इधर दो सप्ताह से मौसम का तेवर बहुत तल्ख है। कभी-कभी बादलों की लुकाछुपी चलती है, जिसको देख किसान उम्मीद पाल बैठते हैं कि शायद अब बरसात हो जाए, परंतु अभी तक इनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं। जैसे-तैसे धान के बीच बो दिए हैं, अब उनको बचाए रखने में पसीने छूट रहे हैं। निजी संसाधन से पानी के जरिए इन्हें बचाया जा रहा है, जहां अतिरिक्त धन खर्च हो रहा है। 
        किसानों ने कहा कि 20 अगस्त बीत चुका है इधर एक दो दिन में मामूली छीटे पड़े और सड़के ही गीली हो सकी।  गरीब किसानों को खाद, बीज, जुताई वैसे बड़ी मशक्कत से करनी पड़ रही है, अब सिचाई के लिए भी मंहगे संसाधन का सहारा लेना पड़ता है। किसान तो निजी संसाधन से पानी की कमी को पूरी कर दे रहे हैं, परंतु मध्यम वर्गीय एवं गरीब किसान जिन का सहारा सिर्फ मानसून ही रहता है, वे बेचारे क्या हैं। अब तो सिर्फ यही देखना है कि इंद्र देवता कब तक परीक्षा ले रहे हैं। बारिश हो जाती है तो खेती-बारी का काम जोर पकड़ ले। अन्यथा तब निराशा में ही जीवन गुजर-बसर करना पड़ेगा।

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