बॉर्डर से आने वाले पशुओं को तत्परता से रोका जाए:जिलाधिकारी



जौनपुर। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गूगल मीट के माध्यम से पशुओं में हाने वाली बीमारी एल.एस.डी ( Lumpy skin disease) के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की गई ।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.राजेश कुमार ने इस बीमारी के लक्षण के बारे में बताया कि पशुओं में तेज बुखार, आंख नाक से पानी गिरना एवं पूरे शरीर में कठोर चपटे गांठ उभर आना है। उन्होंने बताया कि इस रोग का संचरण विषाणु पशु के लार, विनासिका स्त्राव एवं दूध, मक्खी एवं किलनी के काटने से फैलता है।
उन्हाने उपचार के संबंध में बताया कि इस बीमारी में लक्षणात्मक उपचार किया जाता है।

03 से 05 दिनों तक एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग एवं घाव पर एंटीसेप्टिक स्प्रे एवं लोशन का प्रयोग किया जाता है। इस बीमारी के लक्षण समझ में आने पर निकटतम पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित करे। पशुओं को स्वस्थ पषुओं से अलग करे। सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करे।

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि बॉर्डर से आने वाले पशुओं को तत्परता से रोका जाए और इसकी मॉनिटरिंग उपजिलाधिकारी के द्वारा किया जाए। उन्होंने कहा कि जोनल एवं सेक्टर अधिकारी की टीम का गठन किया जाए। दवाओं के संबंध में उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि दवाओं की उपलब्धता बनी रहे। इस बीमारी से जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर एवं बैनर के माध्यम से पशुपालकों को जागरूक किया जाए।

मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा बैठक में निर्देश दिया गया कि गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण नियमित रूप से किया जाए और लक्षण पाए जाने पर निकटतम पशु चिकित्सालय एवं जनपद स्तरीय कंट्रोल रूम नंबर 9454417117 पर अवगत कराएं। जिसकी सूचना पशुपालन विभाग के अधिकारी को दी जाएगी एवं पशुपालन विभाग की टीम के द्वारा उपचार एवं सुरक्षात्मक कार्य किए जा सकेंगे। पंचायती राज विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि ग्राम स्तर से सूचना प्राप्त किया जाए एवं सूचना तत्परता से उपलब्ध कराई जाए जिससे इस पर रोकथाम की जा सके।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में अभी इस बीमारी के कोई पशु नहीं मिले है।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अजय साहनी, समस्त उप जिलाधिकारी ,जिला विकास अधिकारी बीबी सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी एवं प्रभागीय निदेशक बन विभाग, समस्त खंड विकास अधिकारी, समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।

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